कर्नाटक के बीदर में शाहीन इंस्टीट्यूट के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस इंस्टीट्यूट पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ नाटक मंचन करने का आरोप है.
इंस्टीट्यूट के सीईओ तौसीफ मदीकेरी ने कहा कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ नाटक मंचन करने के आरोप में पुलिस ने आईपीसी की धारा 124ए, 505 और 504 के तहत केस दर्ज किया है. मदीकेरी ने कहा कि यह घटना कल्पना से परे है. उन्होंने कहा कि डिप्टी एसपी क्लास में आकर छात्रों से पूछताछ करते हैं.
दूसरी ओर, कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराव बोम्मई ने कहा कि जो भी कार्रवाई हुई है, वह कानून के तहत हुई है. कानून अपना काम कर रहा है. यह काफी गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है. सरकार इस मामले में और जानकारी जुटा रही है.
स्कूल प्रशासन ने लगाया उत्पीड़न का आरोप
स्कूल के सीईओ तौसीफ मदिकेरी ने सोमवार को कहा था कि स्कूल पर देशद्रोह का केस दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार स्कूल आती है और छात्रों व स्टाफ से पूछताछ करती है . पुलिस का सवाल होता है कि इस साजिश के पीछे किसका हाथ है, इसकी तैयारी कहां की गई थी. ऐसे-ऐसे सवाल बराबर पूछे जा रहे हैं.
मदिकेरी ने कहा था कि छात्र के माता-पिता इंडिया टुडे पर इस घटना में पहले ही (28 जनवरी) माफी मांग चुके हैं. बता दें, बीदर जिले के इस स्कूल में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) और एनआरसी के खिलाफ नाटक के मंचन के मामले की जांच पुलिस कर रही है. पुलिस ने इस मामले में कुछ नाबालिग स्कूली बच्चों से पूछताछ की है.
Karnataka Home Minister Basavaraj Bommai: Everything has been done as per law. The law is taking its own course. It is a very serious and sensitive case. I am gathering more details about the probe in the case. https://t.co/JzzxvSZ0Dz pic.twitter.com/h84EHlzwHJ
— ANI (@ANI) February 4, 2020
कब दर्ज हुआ केस?
शाहीन एजुकेशन इंस्टिट्यूट के अधिकारियों के खिलाफ यह मुकदमा 26 जनवरी के दिन ही दर्ज हुआ था. आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह), 504 (शांति भंग का प्रयास), 153ए (सांप्रदायिक कटुता बढ़ाना) आदि धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. एफआईआर में स्कूल और मैनेजमेंट के प्रमुखों को आरोपी बनाया गया. इसके अलावा, इस नाटक का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में मोहम्मद युसूफ रहीम पर भी केस दर्ज किया गया.