देश के सबसे अमीर उम्मीदवार हजार वोट भी नहीं जुटा पाए

2019 लोकसभा चुनाव के सबसे धनी कैंडिडेट रमेश कुमार शर्मा चुनाव हार गए हैं. उन्हें मात्र 815 वोट मिले हैं. ये वोट उनकी संपत्ति से भी कम हैं. निर्दलीय उम्मीदवार रमेश ने आयोग को अपनी संपत्ति 1107 करोड़ रुपए बताई है. बिहार की पाटलिपुत्र सीट पर आरजेडी की मीसा भारती आगे चल रही हैं. बीजेपी की ओर से राम कृपाल यादव मैदान में थे. 2014 में उन्होंने जीत हासिल की थी.

कौन हैं रमेश कुमार शर्मा

63 साल के रमेश कुमार शर्मा शिप रीसाइक्लिंग से जुड़ी कंपनी के मालिक हैं. उनका चुनाव चिन्ह भी शिप यानी पानी का जहाज था. रमेश इंजीनियर भी हैं. खुद को देशभक्त बताते हैं. भगत सिंह को आदर्श मानते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान उनकी टोपी पर उनके चुनाव चिन्ह के अलावा भगत सिंह की फोटो लगी थी. चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक उनके पास 1107 करोड़ रुपए कीं संपत्ति है. पाटलिपुत्र के नौबतपुर इलाके के कोपा कला गांव के रहने वाले रमेश कुमार शर्मा के पिता शिक्षक थे. बेटे को भी शिक्षक बनाना चाहते थे, लेकिन शर्मा बिहार में नहीं रहना चाहते थे, इसलिए बिहार टैक्ट बुक में नौकरी होने के बावजूद उन्होंने नौकरी ज्वॉइन नहीं की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद वो नेवी ज्वॉइन कर मर्चेंट नेवी में चले गए.

11 कंपनियों के मालिक

रमेश शर्मा 11 कंपनियां के मालिक हैं.उनका कारोबार विदेश तक फैला हुआ है. वे मल्टी मेरिन सर्विसेज लिमिटेड, मरमरी शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड, अपना इंटरनेमेंट लिमिटेड, अमारा फिल्म प्रोडक्शन लिमिटेड, फूजी पिक्चर एंड सिनेमा लिमिटेड, फूजी इंजीनयरिंग लिमिटेड कंपनियों के मालिक हैं. आज तक से बातचीत में रमेश ने एक किस्सा सुनाया था. जब वो नेवी में थे, तब उन्हें मर्चेंट नेवी में जाने का ऑफर मिला. लेकिन वह नेवी नहीं छोड़ना चाहते थे. मर्चेंट नेवी में पैसा ज्यादा था. उन्होंने भगवान भोले नाथ के मंदिर में सिक्का उछाल कर फैसला किया. टेल आया और वे मर्चेंट नेवी में चले गए.

पीएम मोदी के विरोधी

रमेश कुमार शर्मा पीएम मोदी की खिलाफत करते रहे हैं. चुनाव प्रचार में उन्होंने पीएम मोदी को निशाने पर रखा. वह मानते हैं कि ‘नोटबंदी से मोदी ने लोगों का पैसा छीन लिया. उनका कहना है कि मोदी के जुमलेबाजी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. वह आरोप लगाते रहे हैं कि नोटबंदी और जीएसटी से बीजेपी को फायदा हुआ है. उन्होंने अपने घोषणा पत्र में 47 वादे किए थे. उन्होंने वादा किया था कि जीत हासिल करने के बाद वह हर साल 1000 युवाओं को रोजगार देंगे. इनमें से कुछ युवाओं को वह विदेश में रोजगार देंगे.

विधानसभा चुनाव हार चुके हैं

आर के शर्मा ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में विक्रम विधानसभा से चुनाव लड़ा था. लेकिन वह हार गए थे. उस समय उन्होंने अपनी संपत्ति 968 करोड़ बताई थी. रमेश शर्मा ने 2005 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. लेकिन हार गए थे. हालांकि रमेश शर्मा ने दावा किया कि उनको लगभग हर बूथ पर कुछ-न-कुछ वोट मिले थे.

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