भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी, जानें 5 बातें

आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है. उन्होंने सिर में गोली मारी थी. उन्हें इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. भय्यूजी महाराज उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब इन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का अनशन तुड़वाने में अहम रोल निभाया था. भय्यूजी महाराज का जीवन परिचय बेहद दिलचस्प है. इनका वास्तविक नाम उदय सिंह देशमुख है, लेकिन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इन्हें लोग भय्यूजी महाराज के नाम से जानते हैं. भय्यूजी महाराज एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु थे जो गृहस्थ जीवन जीते थे. उनकी एक बेटी कुहू है. हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, जिसे इन्होंने लेने से इनकार कर दिया था.

मॉडलिंग की दुनिया से निकलकर आध्यात्म को अपनाया
मालवा के शुजालपुर प्रांत से निकलकर देश -विदेश में अपनी आध्यात्मिक छवि के लिए पहचाने जाने वाले भय्यू महाराज ने मॉडलिंग के दुनिया से अपना करियर शुरू किया था और उसके बाद उन्होने शोहरत भरी मॉडलिंग की जिंदगी को अलविदा कहकर आध्यात्म के सफर पर चलना तय किया। उनके भक्तों की फेरिस्त में लता मंगेशकर से लेकर महाराष्ट्र की और देश- दुनिया की नामी हस्तियां रही है। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी शामिल हैं। भय्यू महाराज से मिलने अब तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और गुजरात की सीएम आनंदी बेन पटेल सहित कई बड़ी हस्तियाँ उनके आश्रम में आ चुकी है।
भय्यू महाराज ने तुड़वाया था अन्ना हजारे का अनशन
भय्यू महाराज चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। इसके अलावा पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज आमंत्रित किया था।  हाल ही में मप्र सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन उन्होंने लौटा दिया था।
कौन हैं भय्यू महाराज
– 1968 को जन्में भय्यू महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख है। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते है।
– कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए ऐड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यू महाराज अब गृहस्थ संत हैं। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता है।
– उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। उनकी पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है।
– पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है।
– उन्होंने 30 अप्रैल 2017 को एमपी के शिवपुरी की डॉ. आयुषी के साथ दूसरी शादी की।

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