कर्नाटक चुनाव : एक गरीब अनाथ बिना पैसे के चुनाव जीत गया

कर्नाटक विधानसभा के चुनाव नतीजों में कांग्रेस के एक खास उम्मीदवार ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा और उनका नाम है प्रदीप ईश्वर. 38 वर्षीय प्रदीप ने राज्य के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर को पटखनी दी और इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस के सबसे युवा विधायक बन गए हैं.

बेंगलुरु. कर्नाटक में शनिवार को आए विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक चुनाव में मिली इस जीत को कांग्रेस के लिए एक संजीवनी के रूप में देखा जा रहा है. पार्टी ने यहां 224 सदस्यीय विधानसभा में 136 सीटों पर जीत दर्ज की. हालांकि इन चुनाव नतीजों में कांग्रेस के एक खास उम्मीदवार ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा और उनका नाम है प्रदीप ईश्वर. 38 वर्षीय प्रदीप ने राज्य के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर को पटखनी दी और इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस के सबसे युवा विधायक बन गए हैं.

चिक्काबल्लापुर से चुनाव जीतने वाले प्रदीप ईश्वर ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी का दक्षिण भारत में और खास तौर से कर्नाटक में एक मजबूत आधार है. एक गरीब परिवार से अनाथ बच्चे को कांग्रेस पार्टी टिकट दिया और बिना पैसे के ही मैं चुनाव जीत गया. इससे पता चलता है कि लोकतंत्र अभी भी जीवित है. मैं कांग्रेस पार्टी को धन्यवाद देना चाहता हूं.’

बीजेपी के दिग्गज को दी मात
बीजेपी की प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष और राज्य के सबसे शक्तिशाली मंत्रियों में शुमार कें. सुधाकर निवर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के भरोसेमंद सहयोगी बताए जाते थे. कोचिंग संचालक प्रदीप ईश्वर ने उन्हें चिक्काबल्लापुर सीट पर 10,642 वोटों से मात दी.

ईश्वर परिश्रम एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड चलाते हैं, जो मेडिकल और दूसरी प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रदान करता है. यह कोचिंग एक बार सुधाकर की मदद से ही खोला था. ईश्वर की पत्नी भी उसी कोचिंग संस्थान में पढ़ाती हैं.

‘डॉक्टर जीतता है या डॉक्टरों का टीचर’
प्रचार अभियान के दौरान ईश्वर ने अपने उग्र भाषणों से लोकप्रियता हासिल की, जिससे वह देखते ही देखते सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हो गए. ईश्वर का एक भाषण खूब वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने खुद को अनाथ और 12वीं पास गरीब व्यक्ति बताते हुए अपनी तुलना मेडिकल डॉक्टर, सुधाकर से की थी. इसमें उन्होंने कहा था, ‘देखते हैं कि डॉक्टर जीतता है या डॉक्टरों का टीचर.’

सियासत में कैसे हुई एंट्री
ईश्वर पहली बार 2016 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आए थे, जिसमें मांग की गई थी कि सरकार बेंगलुरु के बाहरी इलाके देवनहल्ली में विजीपुरा को एक तालुक घोषित करे. वह विरोध प्रदर्शन तो फेल हो गया था. इसके बाद वह वर्ष 2017 में एक बार फिर सुर्खियों में आए. इस बार उन्होंने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल के एंकर के रूप में चिक्काबल्लापुर में लोकप्रियता बटोरी. जल्द ही वह यूट्यूब पर सुधाकर के खिलाफ छोटे-छोटे 1-2 मिनट के वीडियो अपलोड करने लगे.

इन्हीं वीडियो ने कांग्रेस नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचा, जिसने उन्हें चिक्काबल्लापुर से उम्मीदवार बनाया. प्रदीप ईश्वर ने कांग्रेस की उम्मीदों को यहां चार चांद लगाया और राज्य में पार्टी के सबसे युवा विधायक बन गए.

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