अमेरिका में इस साल 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं.
शुक्रवार, 28 जून को राष्ट्रपति पद के लिए पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट जॉर्जिया के अटलांटा शहर में हुई.
यह डिबेट मौजूदा राष्ट्रपति और डेमोक्रेट नेता जो बाइडन और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रंप के बीच 90 मिनट तक चली.
चार साल बाद एक बार फिर दोनों नेता एक दूसरे के सामने थे.
‘अमीरों को फायदा पहुंचाया’
महंगाई मुद्दे के आते ही बाइडन ने ट्रंप की तरफ़ बात को घुमा दिया और कहा कि उन्होंने बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था सौंपी थी जिसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि उनके शासन के दौरान अमेरिका की ‘अर्थव्यवस्था महान’ थी.
बाइडन ने कहा कि “हमें सब कुछ फिर सही करना था.”
बाइडन ने ट्रंप पर कुछ न करने के आरोप लगाए और कई बार ‘अव्यवस्था’ शब्द का इस्तेमाल किया.
बाइडन ने कहा कि ट्रंप ने “अमीरों को फायदा पहुंचाया.”
इसके बाद ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मतदाताओं के लिए इतिहास में सबसे ज़्यादा टैक्स कटौती की.
बाइडन की उम्र पर उठते सवाल
राष्ट्रपति चुनावों में लोगों ने जो बाइडन की उम्र और उनके ऑफिस चलाने की क्षमता को लेकर चिंता जाहिर की है.
प्रेजिडेंशियल डिबेट ने इन चिंताओं को और हवा देने का काम किया है, जिन्हें पार पाना डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए आसान नहीं होगा.
डिबेट के दौरान जो बाइडन की जुबान बीच-बीच में लड़खड़ा रही थी, कहीं-कहीं पर वे क्या कर रहे हैं, वह साफ-साफ भी सुनाई नहीं दे रहा था.
90 मिनट के इस डिबेट का करीब आधा समय बितने पर बाइडन के चुनाव प्रचार में लगे लोगों ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति को जुकाम है, जिसकी वजह से उनकी आवाज़ थोड़ी लड़खड़ा रही थी.
डिबेट को करीब से देखने वाले रिपब्लिकन और डेमोक्रेट नेताओं ने मीडिया के साथ इस मुद्दे पर बात की है.
पूर्व डेमोक्रेट सांसद स्टेफनी मर्फी ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि डिबेट के दौरान कुछ ऐसे क्षण थे जब जो बाइडन की उम्र दिखाई दे रही थी.
उन्होंने कहा, “उन्हें समझना मुश्किल था.“
वहीं दूसरी तरफ मर्फी ने कहा ट्रंप ने झूठी टिप्पणी कीं जिनकी जांच की जानी चाहिए. वे कहती हैं कि कुल मिलाकर इस डिबेट ने बाइडन की उम्र को सबके सामने लाने का काम किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उम्र 81 साल है. उनका जन्म 20 नवंबर, 1942 को हुआ था. वहीं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप उनसे करीब तीन साल छोटे हैं.
ट्रंप की उम्र 78 साल है. उनका जन्म 14 जून 1946 को हुआ था.
अफ़ग़ानिस्तान और कोरोना पर हुई तीखी बहस
डिबेट में अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना के लौटने और कोरोना महामारी के दौरान सरकार के रवैये पर भी बात हुई.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिकी सेना अफ़ग़ानिस्तान में लड़ ही रही थी.
ट्रंप ने कहा कि उनका प्लान एक गरिमा और ताकत के साथ वहां(अफ़ग़ानिस्तान) से बाहर निकलने का था.
उन्होंने कहा, “जब वो (बाइडन) वहां से निकले तो वो देश के इतिहास के लिए सबसे शर्मनाक पल था.”
कोरोना महामारी को लेकर जो बाइडन ने कहा कि उस वक्त सब कुछ एक कुव्यवस्था में बदल गया था.
कोरोना मामले पर जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा, “हम कोरोना महामारी की चपेट में आ गए और जब ऐसा हुआ तो हमने ज़रूरत के हिसाब से पैसे खर्च किए ताकि हम महामंदी के दौर में न चले जाएं. सब कुछ बेहतरीन था.”
सैनिकों की मौत पर बाइडन का बयान
डिबेट में जो बाइडन ने दावा किया कि पिछले एक दशक में वे अकेले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके कार्यकाल में दुनिया में कहीं भी उनके किसी भी सैनिक की मौत नहीं हुई है.
बीबीसी वेरिफाई के मुताबिक़, बाइडन का यह दावा झूठ है.
इसी साल जनवरी महीने में जॉर्डन के अंदर एक ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.
इसके अलावा अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से बाहर निकलते वक्त काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में 13 सैनिक मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ग्रुप की आईएस-के ब्रांच ने ली थी.
डिफेंस केजुअल्टी एनालिसिस सिस्टम के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में लड़ाई के दौरान 65 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.
बाइडन ने उछाला पोर्न स्टार का मामला
डिबेट में राष्ट्रपति बाडइन ने उस हश मनी मामले का जिक्र किया, जिसमें हाल ही में उन्हें न्यूयॉर्क की एक अदालत ने दोषी करार दिया है.
ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने साल 2016 में एक स्कैंडल से बचने के लिए पूर्व पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के बदले गुप्त रूप से पैसों का भुगतान किया था.
ट्रंप पर हमला करते हुए बाइडन ने कहा, “सिर्फ एक ही व्यक्ति है जो सजायाफ्ता अपराधी है और फिलहाल मैं उसे ही देख रहा हूं.”
स्टॉर्मी डेनियल्स के साथ ट्रंप के कथित रिश्तों के संदर्भ में बाइडन ने कहा कि ट्रंप एक नैतिक व्यक्ति नहीं हैं, हालांकि ट्रंप ने बाइडन के इस आरोप को खारिज कर दिया.
इसराइल ग़ज़ा पर क्या कहा
ग़ज़ा पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इसराइल को अपना काम खत्म करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बाइडन एक फलस्तीनी की तरह हो गए हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति उनके बीच अलोकप्रिय हैं.
ट्रंप ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी मदद का मुद्दा एक बार फिर उठाया. उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों ने अमेरिका की तुलना में कम खर्च किया है.
उन्होंने बाइडन से पूछा कि वे नेटो सहयोगियों पर और अधिक पैसा खर्च करने के लिए दबाव क्यों नहीं बनाते हैं?
वहीं बाइडन से जब पूछा गया कि वे इसराइल-हमास युद्ध को खत्म करवाने के लिए क्या करेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमास युद्ध खत्म नहीं करना चाहता.
उन्होंने इसराइल के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि हमास को खत्म कर दिया जाना चाहिए.
बहस में किसका प्रदर्शन कैसा?
उत्तरी अमेरिका को कवर करने वाले बीबीसी संवाददाता एंथोनी ज़ुचर का कहना है कि डिबेट में पूर्व राष्ट्रपति का प्रदर्शन बहुत अनुशासित और सधा हुआ प्रदर्शन था.
उन्होंने डिबेट में लड़ने, बढ़-चढ़कर जवाब देने और बोलने से परहेज किया, क्योंकि पिछली बार इन बातों ने उनके डिबेट को कमजोर कर दिया था.
जब भी ट्रंप को मौका मिला उन्होंने मुश्किल सवालों को बाइडन की तरफ मोड़ दिया और उनके कार्यकाल में हुए कामों का हवाला दिया.
ट्रंप ने बार-बार ऐसे दावे किए जो पूरी तरह तथ्यों पर आधारित नहीं थे, हालांकि वे पूरी तरह झूठे भी नहीं थे. लेकिन बाइडन उन्हें घेरने में असमर्थ दिखाई दिए.
उदाहरण के लिए जब गर्भपात का मुद्दा उठा, तो पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार इस ओर ध्यान दिलाया कि वह डेमोक्रेटिक अतिवाद था.
उन्होंने झूठा दावा किया कि बाइडन की पार्टी के नेता बच्चों के जन्म के बाद गर्भपात का समर्थन करते हैं.
इस मुद्दे पर बाइडन, ट्रंप पर हावी हो सकते थे लेकिन वे ऐसा करने में कामयाब नहीं रहे.
बाइडन ने कहा, “आपने जो किया है, वह बहुत भयानक है.”