किसान आंदोलन :1 से 10 जून तक सब्जी, फल व दूध बेचने के लिए शहर नहीं आएंगे किसान

देशभर के 130 किसानों के संगठनों को जोड़कर बनाए गए राष्ट्रीय किसान महासंघ के आह्‌वान पर किसानों के 10 दिवसीय किसान बंद आंदोलन से केंद्रऔर प्रदेश सरकार दहशत में हैं। इस महासंघ के संयोजक एवं राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा(कक्का) संगठन के युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल राज के साथ शहर में बुधवार को आ रहे हैं। जिले के आक्रोशित किसानों से सीधा संवाद कर आंदोलन से जुड़ेंगें।

राहुल राज का कहना है कि सरकार कि किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान 1से 10 जून तक अपने उत्पाद सब्जी, फल व दूध लेकर शहर में नहीं आएंगे। शहरवासियों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए गांवों में ही विक्रय केंद्र खोले जाएंगें।

महासंघ के संयोजक शिवकुमार शर्मा (कक्का) के बुधवार को आने की सूचना मिलते ही जिला पुलिस प्रशासन हाईअलर्ट हो गया है। राहुल राज का कहना है कि शाम को 4 बजे कक्काजी प्रेस से चर्चा करेंगे। इससे पहले के कार्यक्रमों का खुलासा नहीं किया। राहुल राज का कहना है कि संगठन से जुड़े स्थानीय लोग बुधवार को ही तय करेंगे कि कक्काजी किस जगह पर कार्यकर्ताओं से इस आंदोलन से अधिक-अधिक किसानों को जोड़ने के लिए संवाद करेंगे।

राहुल राज ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चलेगा। प्रदेश सरकार ही आंदोलन को लेकर लाठियां खरीद रही है और किसानों से बाउंडओवर भराकर माहौल को तनावपूर्ण कर रही हैं। हम चाहते हैं कि लोग आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए गांव जाकर देखे कि किसान हाल में अपना जीवन यापन कर सब्जी, फल व दूध का उत्पादन कर लोगों तक पहुंचा रहा है।

 

बंद के दौरान दूध की सप्लाई रोकी तो एस्मा में होंगे बंद

एक से दस जून को प्रस्तावित गांव बंद आंदोलन से जनजीवन प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। शहर और कस्बों में आवश्यक वस्तु दूध का संकट खड़ा न हो, इसके लिए दूध की सप्लाई (आपूर्ति) पर लागू एस्मा को तीन माह के लिए बढ़ा दिया है।

यदि किसी ने दूध की आपूर्ति रोकने के प्रयास किए तो उसके खिलाफ अत्यावश्यक सेवा कानून (एस्मा) के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए चार हजार मीट्रिक टन दूध पाउडर और बटर भी तैयार रखा गया है।

किसानों के बीच जाएं मंत्री, डैमेज कंट्रोल करें: सीएम

एक जून से दस जून तक प्रस्तावित गांव बंद आंदोलन को लेकर मंगलवार को अनौपचारिक कैबिनेट में काफी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे किसानों के बीच जाएं और डैमेज कंट्रोल करें।

सीएम ने कहा कि किसानों को बताएं कि सरकार ने उनके लिए ऐतिहासिक फैसले किए हैं। प्रभार और गृह जिले में सक्रिय रहें और हर गतिविधि पर नजर रखें। किसी भी सूरत में माहौल खराब नहीं होना चाहिए। मंत्रियों ने भी उन्हें अपने क्षेत्रों का फीडबैक दिया।

मंदसौर जिले में पुलिस फोर्स का मूवमेंट शुरू हो गया है। टोल नाकों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था मंगलवार से कर दी गई है।आंदोलन के डर से लोग किराना सामान भर रहे हैं। बोले-अप्रिय स्थिति बनने पर दाल-रोटी तो मिल जाएगी। इसके चलते किराना दुकानों पर भीड़ लगी है। नीमच में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन का फोकस आलू-प्याज, दाल और दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर है।

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