मध्यप्रदेश में डीजीपी वीके सिंह द्वारा जारी एक एडवायजरी ने खासा बवाल मचा दिया है। एडवायजरी में यह कहा गया है कि मध्यप्रदेश में पुलिस द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों को जबर्दस्ती मारा पीटा जाता है, इस वर्ग के साथ अभद्रता की जाती है। एडवायजरी के जारी होते ही इस राजनीतीकरण हो गया। कांग्रेस बीजेपी आरोप प्रत्यारोप में लग गई। जैसा हमारे देश में अक्सर होता आया। यह कितना गंभीर विषय है इस पर शायद ही किसी ने ध्यान दिया।
इस बात पर हल्ला होते ही गृहमंत्री बाला बच्चन बोले उन्होंने कहा कि “मैं डीजीपी से बात करूँगा। उन्होंने आश्वासन दिया ऐसा कुछ भी नही होगा। यदि कहीं कुछ ऐसा घटित हुआ तो बर्दास्त नही किया जाएगा। इस एडवायजरी पर आक्रमक प्रतिक्रिया भी आई बरगी विधायक संजय यादव की उन्होंने कहा कि " क्या पुलिस अपराधियों के हाथ जोड़कर कार्यवाही करेगी!"
इस सब विषय पर भाजपा विधायक पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने त्वरित स्पष्टीकरण की मांग मध्यप्रदेश सरकार से की है। साथ ही कमलनाथ सरकार पर पैसे लेकर पुलिस नियुक्ति के भृष्टाचार का आरोप भी लगा दिया।
खास बात यह है कि डीजीपी द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि इन घटनाओं पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कड़ी आपत्ति प्रगट की है इसलिए किसी भी एससी एसटी वर्ग के व्यक्ति को आवश्यक होने पर ही हिरासत में लिया जाए और हिरासत में लिया हो तो उनके साथ अभद्र व्यवहार न किया जाए।