गोवा में के निधन के बाद राजनीतिक संकट शुरू हो गया है। अभी नई सरकार बनने में समय है। वहीं भाजपा जहां अपनी सरकार बचाने में जुटी हुई है वहीं कांग्रेस ने 48 घंटों के अंदर दूसरी बार राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। देर रात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राज्य पहुंचे और विधायकों के साथ बैठक की।
कांग्रेस में इस बात को लेकर आशंका है कि भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करवा सकती है। वहीं भाजपा खेमे में यह चर्चा है कि विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत को अतंरिम मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। जिससे कि पार्टी को आगे की रणनीति बनाने का मौका मिल जाए। दोनों पार्टियों के सूत्रों का कहना है कि यदि राज्यपाल मृदुला सिन्हा संख्या से संतुष्ट नहीं होती हैं तो वह लोकसभा चुनाव तक विधानसभा को निलंबित करने की सिफारिश कर सकती हैं।
किसी के पास नहीं है बहुमत
महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के पास तीन-तीन विधायक हैं। एनसीपी के पास एक और निर्दलीय विधायकों के पास तीन सीटें हैं। भाजपा के पास राज्य की 12 सीटे हैं। जिसमें से एक पांडुरंग मडकईकर अस्पताल में हैं और इस बात की बहुत कम आशंका है कि वह विधानसभा में वोट करने के लिए आएंगे। यही कारण है कि कांग्रेस बोल रही है कि उसके पास 14 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास 11 हैं। इसलिए उसे सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
भाजपा से नहीं मिला मुख्यमंत्री का ऑफर
कामत ने कहा, “दिल्ली का मेरा कार्यक्रम 2-3 दिन पहले बन गया था। किसी से मिलने का सवाल ही नहीं उठता। मैं दिल्ली अपने निजी काम के लिए गया था। इस तरह की खबरों को अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए बनाया गया है। मुझे भाजपा से कोई पेशकश नहीं मिली है। यदि मेरी किस्मत में गोवा का मुख्यमंत्री बनना लिखा होगा तो कोई मुझे उससे रोक नहीं सकता है।”