भारत के राष्ट्रपति की फर्जी वेबसाइट चला रहा था चीन, कोविड फंड के नाम पर ठगी

देश के राष्ट्रपति के नाम से एक फर्जी वेबसाइट चलाई जा रही है. कोविड 19 की महामारी के बीच लोगों को आर्थिक मदद दिलाने का झांसा देकर इसी वेबसाइट से ठगी का प्रयास किया जा रहा है और ये ठगी का खेल चीन की ई-कॉमर्स कंपनी के द्वारा किया जा रहा है. 

चीन से फैले कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है. अब चीन इसी जानलेवा वायरस के नाम पर लोगों को ठगने का भी काम करने लगा है. चीन के लोग राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नाम से एक फर्जी वेबसाइट का संचालन कर रहे हैं.

RAMNATHKOVINDFOUNDATION.COM के नाम से बनी इस वेबसाइट में फंड ऑफ कोविड 19 के नाम से फ्री लॉकडाउन फंड के नाम पर 3500 रुपये देने की बात कही जा रही है. बेरोजगारी के इस बुरे दौर में इस वेबसाइट को देखकर कोई भी इसके झांसे में आ सकता है. 

वेबसाइट के जरिये एक सर्वे फॉर्म भी भरवाया जाता है. पेज के नीचे फेसबुक के कमेंट भी डाले गए हैं, ताकि लोगों को लगे की वेबसाइट वाकई में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ही है. लोगों को इस वेबसाइट के बारे में बताने के लिए लिंक को शेयर करने को भी कहा गया है. 

वेबसाइट के अंतिम पेज में लोगों से बैंक अकाउंट के डिटेल मांगे गये हैं. जैसे ही कोई बैंक अकाउंट का डिटेल डालेगा, चंद सेकंड में उसके पैसे चीन में किसी के अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे.

इस वेबसाइट का लिंक तेजी से वायरल हो रहा है. इस फ़र्ज़ी वेबसाइट का खुलासा तब हुआ जब साइबर क्राइम और साइबर वारफेयर पर काम करने वाली एक अंतराष्ट्रीय संस्था साइबर पीस फाउंडेशन के पास फ्री लॉकडाउन फंड का लिंक आया तो शक के आधार पर जांच की गयी. जांच के वक्त कई चौंकाने वाली जानकारी मिली. 

साइबर पीस फाउंडेशन के साइबर एक्सपर्ट परासर सिकदर ने बताया कि वेबसाइट में फंड ऑफ़ कोविड 19 के नाम से मैसेज वायरल हो रहा था. रियलिटी चेक करने पर कई लिंक्स मिले. शक के आधार पर लिंक को चेक किया तो हमारे प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद के नाम से फर्जी वेबसाइट चलाई जा रही है. यह पूरी तरह से फर्जी वेबसाइट है. 

इस वेबसाइट की सच्चाई जानने के लिए नेटवर्क एनवायरनमेंट तैयार करना जरूरी था. सैंड बॉक्स के जरिये एक नकली नेटवर्क एनवायरनमेंट बनाया गया, जिससे कोई भी साइबर अटैक से अपने कम्प्यूटर को डैमेज होने से बचाया जा सके और सभी डेटा सुरक्षित रहे. इसी आधार पर पता चला कि यह वेबसाइट इंडियन सर्वर पर बेस नहीं थी. होस्टिंग प्रोवाइडर कनाडा से और होस्टिंग सर्वर रूस का और वेबसाइट पर टाइटल लोगो नाइजीरिया का मिला.

जब आईपी एड्रेस चेक किया गया तो वह चीन में ई-कॉमर्स का प्रसिद्ध GEARBEST.COM  ब्रांड निकला. साइबर पीस ने चीन की इस वेबसाइट की जानकारी देश के गृह मंत्रालय को मेल के माध्यम से दे दी है.

इधर, रांची में भी इस फर्जी वेबसाइट को लेकर साइबर थाने में मामला दर्ज़ कराया गया है ताकि लोग भी चीन के झांसे में आकर अपनी मेहनत की जमा पूंजी चंद सेकंड में खत्म ना कर दें. 

परासर सिकदर ने बताया कि यह आम आदमी के लिए खतरनाक वेबसाइट है. साइबर फिशिंग के लिए यह वेबसाइट बनाई गई है. साथ ही लिंक पर क्लिक करने पर आईपी एड्रेस और जिओ लोकेशन भी साइबर फ्रॉड के पास चला जायेगा और आपका सिस्टम भी हैक हो सकता है. इस वेबसाइट को चीन की प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनी GEARBEST.COM के द्वारा संचालित किया जा रहा है. 

शिकायतकर्ता नलिन कुमार ने बताया कि व्हाट्सऐप में वायरल मैसेज मिला था. देखने से यह फ्रॉड मैसेज लगा तो मैंने साइबर थाने में इसकी लिखित सूचना ईमेल के माध्यम से दे दी है ताकि लोग कोरोना के इस काल में साइबर फ्रॉड के जाल में ना फंस जाएं.

साइबर डीएसपी सुमित कुमार ने बताया कि देश के राष्ट्रपति के नाम से एक वेबसाइट का संचालन किया जा रहा है जहां कहा जा रहा है कि इस लिंक को आठ लोगों को शेयर करें, यह फर्जी वेबसाइट है. क्लेम करने वाली किसी भी वेबसाइट से बचें. अपने अकाउंट का डिटेल ना शेयर करें. इस वेबसाइट को बंद कराने के लिए वरिष्ठ पदाधिकारी को लिखा जा रहा है. इस वेबसाइट को लेकर एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है. इस मामले में जांच की जा रही है. 

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