कल सुबह 10.30 बजे तक का समय : SC Maharashtra Live Updates

Maharashtra Live Updates: महाराष्ट्र में शनिवार सुबह अचानक बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को शपथ दिलाए जाने के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शनिवार शाम सुप्रीम कोर्ट पहुंची और नई सरकार को 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने का निर्देश देने की अपील की थी।

– महाराष्ट्र मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें दोराय नहीं है कि शक्ति परीक्षण बहुमत साबित करने का सबसे अच्छा तरीका है।

– केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौलिक अधिकार नहीं है और उनकी याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। 

– मुकुल रोहतगी ने कहा कि आज आदेश पारित करने के लिए अदालत को आवश्यकता नहीं है। गवर्नर के फैसला अवैधता नहीं था। कोर्ट को फ्लोर टेस्ट की तारीख तय करने का आदेश पारित नहीं करना चाहिए। यहां तीनों दलों के पास कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

– मुकुल रोहतगी ने कहा कि कुछ चीजें ऐसी हैं जो राष्ट्रपति के पास हैं जिस पर न्यायिक हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।

– सिंघवी ने कहा, यह कैसे संभव हो सकता है कि जिसने कल बहुमत का दावा किया, वह आज फ्लोर टेस्ट से भाग रहा है?

– सिंघवी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने लगातार फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए हैं चाहे 1998 में यूपी में हो या 2018 में कर्नाटक में हो। 

– सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि कल एनसीपी ने फैसला लिया है कि अजीत पवार विधायक दल के नेता नहीं हैं। अगर उनकी अपनी पार्टी का समर्थन नहीं है तो वह उपमुख्यमंत्री कैसे बने रह सकते हैं? 

– सिंघवी ने कहा, केवल 42-43 सीटों के सहारे अजीत पवार डिप्टी सीएम कैसे बने? यह लोकतंत्र की हत्या है।

– एनसीपी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनु सिंघवी ने कहा कि जब शाम 7 बजे घोषणा की गई कि हम सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं और उद्धव ठाकरे इसका नेतृत्व करेंगे, तो क्या राज्यपाल इंतजार नहीं करेंगे?

– कपिल सिब्बल ने कहा, हमने इसे कर्नाटक में भी देखा है। अगर उनके (भाजपा) के पास बहुमत हैं, तो वह अपना बहुमत दिखाई

– सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि रविवार को सुनवाई क्यों हो रही है, रविवार को कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए। मेरे अनुसार यह मामला (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका) को सूचीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए।

– कपिल सिब्बल ने कहा,महाराष्ट्र के लोगों को सरकार की जरूरत है। जब हम कह रहे हैं कि हमारे पास बहुमत है तो हम उसे साबित करने के लिए तैयार है। हम कल बहुमत साबित करने को तैयार।

– कपिल सिब्बल ने कहा, कोर्ट को आज ही फ्लोर टेस्ट का आदेश देना चाहिए। यदि बीजेपी के पास बहुमत है, तो उन्हें विधानसभा में साबित करने दें। यदि वे दावा नहीं करते हैं, तो हमें दावा करने दें।

– कपिल सिब्बल ने कहा, सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया और सुबह 8 बजे 2 लोगों ने सीएम और डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। इसके लिए क्या दस्तावेज दिए गए?

– जस्टिस भूषण ने पूछा जब राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी ने बीजेपी को पत्र दिया था तो क्या उनके पास सरकार बनाने के लिए बहुमत था।

– शिवसेना के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य में बहुमत 145 सीटों का है। चुनाव पूर्व गठबंधन पहले आता है। चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया। अब हम चुनाव के बाद के गठबंधन पर भरोसा कर रहे हैं।

– कपिल सिब्बल ने रविवार को कोर्ट बुलाए जाने के लिए जजों से माफी मांगी

– सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू

– महाराष्ट्र मामले की सुनवाई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। 

– सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की तरफ पक्ष रखेंगे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी

– बीजेपी से नाता तोड़ चुकी पार्टी ने इस मामले में शीर्ष अदालत से शनिवार रात याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि खरीद-फरोख्त रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह 24 घंटों के भीतर बहुमत साबित करे। शीर्ष अदालत के सूत्रों के मुताबिक, याचिका स्वीकार कर ली गई है और सुनवाई के लिए रविवार को सुबह 11.30 बजे का समय तय किया है।

– जस्टिस एनवी रमन्ना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की पीठ सुनवाई करेगी।  तीनों दलों ने 144 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने का आदेश देने की मांग की है।

– उन्होंने 24 घंटे के भीतर शक्ति परीक्षण करवाए जाने का भी अनुरोध किया ताकि खरीद-फरोख्त से बचा जा सके। याचिका में  आरोप लगाया कि राज्यपाल कोश्यारी ने भेदभावपूर्ण व्यवहार किया और खुद को भाजपा का मोहरा बनने दिया। 

– याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने भेदभावपूर्ण व्यवहार किया और ”भाजपा द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने में उन्होंने खुद को मोहरा बनने दिया। तीनों दलों ने 24 घंटे के भीतर तुरंत शक्ति परीक्षण कराने का भी अनुरोध किया, ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त को और महा विकास आघाडी (एमवीए) को मिलाकर किसी भी तरह से सत्ता हासिल करने के अवैध प्रयासों को रोका जा सके।

– तीनों दलों की तरफ से वकील सुनील फर्नांडिस द्वारा दायर याचिका में कहा गया, ”…राज्यपाल ने भेदभावपूर्ण तरीके से काम किया और राज्यपाल पद की गरिमा का मजाक बनाया। इसमें कहा गया कि कोश्यारी का शनिवार का कृत्य 23 नवंबर को शपथ ग्रहण कराना केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर राज्यपाल के काम करने का सटीक उदाहरण है।

– याचिका में कहा गया कि इस मामले के तथ्य दर्शाते हैं कि राज्यपाल ने ”संवैधानिक पद की गरिमा को कमतर किया और अवैध तरीके से सत्ता हड़पने की भाजपा की इच्छा के लिये खुद को मोहरा बना दिया। फर्नांडिस के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया है कि ”भाजपा की अल्पमत वाली सरकार बनवाने का राज्यपाल का कार्य अवैध और असंवैधानिक है। इसमें आगे कहा गया कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में संयुक्त रूप से ”स्पष्ट बहुमत है और यह स्पष्ट है कि भाजपा के पास ”144 विधायकों का जरूरी आंकड़ा नहीं है।

– फडणवीस को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किये जाने के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका में कहा गया कि यह, ”असंवैधानिक, मनमाना और अवैध तथा संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने एक अलग याचिका दायर कर राज्यपाल को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह विधायकों के शपथ लेने और शक्ति परीक्षण के लिये विशेष सत्र बुलाएं।

– कर्नाटक की तरह तुरंत बहुमत परीक्षण की मांग
शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने अदालत से मांग की है कि कर्नाटक मामले की तरह महाराष्ट्र के राज्यपाल से देवेंद्र फडणवीस को निमंत्रण देने और समर्थन पत्र समेत सारा रिकॉर्ड अदालत के सामने रखने को कहा जाए। महाराष्ट्र विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाए और तुरंत बहुमत परीक्षण कराया जाए। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए। तीनों दलों ने यह भी कहा कि बहुमत परीक्षण मतदान के जरिए किया जाए ध्वनिमत से नहीं। 

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