पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके पर एक्शन लेने के बयान पर रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाईक ने गौर करने की बात कही है. रक्षा राज्यमंत्री नाईक ने कहा, ‘इनका (सेना) तो जज्बा यही है. इनका ये बोलना गलत नहीं है, पर सरकार इस बात पर निश्चित तौर से गौर करेगी.’ उन्होंने कहा कि हमें अपनी सेना पर गर्व है और पूरा देश उन पर गर्व करता है.
Minister of State for Defence Shripad Naik on Army Chief's statement that army will take action if receive orders to reclaim PoK: Inka toh jazba yahi hai, inka yeh bolna galat nahi hai par sarkar iss baat par nishchit taur se gaur karegi pic.twitter.com/oQMNKbfYOZ
— ANI (@ANI) January 14, 2020
बता दें, हाल ही में भारतीय सेना के नए प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार कहे तो सेना पीओके में कार्रवाई के लिए पूर्ण रूप से तैयार है. नरवणे ने शनिवार को कहा कि उत्तरी और पश्चिमी दोनों ही सीमाएं भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं और यदि सरकार इजाजत दे तो बल प्रयोग कर पीओके को अपने कब्जे में लिया जा सकता है.
दोनों ही सीमाओं पर बलों और हथियारों की तैनाती फिर से संतुलित किए जाने की बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, “यदि संसद चाहता है कि उस इलाके को कब्जे में लिया जाना चाहिए तो हम यह जरूर करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.” सेना प्रमुख ने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसद की प्रस्तावना है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है.
कई लोगों ने पीओके की उठाई मांग
पिछले साल तत्कालीन सेना प्रमुख और देश के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि पाकिस्तान पीओके पर गैर-कानूनी रूप से कब्जा किए हुआ है. जनरल रावत ने कहा था, वास्तव में, इस क्षेत्र पर पाकिस्तानी प्रशासन का नहीं, बल्कि आतंकवादियों का कब्जा है. पाकिस्तान के प्रशासन वाले कश्मीर को वास्तव में आतंकवादी चलाते हैं.
सितंबर, 2019 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि पीओके भारत का हिस्सा है. उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन यह हमारे अधिकार क्षेत्र में होगा.” 5 अगस्त, 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने भी लोकसभा में कहा था कि पीओके और अक्साई चिन जम्मू-कश्मीर के हिस्से हैं और कश्मीर घाटी भारत का अभिन्न अंग है.