CAA विरोधियों से बातचीत के मूड में नहीं सरकार, PM मोदी के बयानों से हुआ साफ

नागरिकता संशोधन कानून CAA को लेकर देश के कई शहरों में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं तो मोदी सरकार और बीजेपी नेता इस कानून को लेकर घर-घर जनजागरण अभियान चला रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों से भी साफ है कि सरकार CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत के मूड में बिल्कुल नजर नहीं आ रही है. यही वजह है कि पीएम मोदी के आवास से महज 15 किमी की दूरी पर दिल्ली के जामिया नगर के शाहीन बाग इलाके में पिछले 20 दिन से कड़ाके की ठंड में रात-दिन महिलाएं, बूढ़े और बच्चे इस कानून के खिलाफ धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनसे बातचीत करने तक नहीं पहुंचा है. इससे सीएए पर मोदी सरकार के स्टैंड को साफ तौर पर समझा जा सकता है.

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में कई जानें गईं

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों और शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. देश के जगह सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक भी हो गया है. यूपी में ही विरोध प्रदर्शनों में 19 लोग मारे गए हैं. कर्नाटक में भी प्रदर्शन के दौरान 2 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा असम और बिहार में भी मौते हुई हैं. इसके बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी है.

‘देश की संसद के खिलाफ प्रदर्शन’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कर्नाटक की एक जनसभा में सीएए के विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को निशाने पर लिया और उसे राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग, उनके साथी दल और उनके समर्थक आज भारत की संसद के खिलाफ ही उठ खड़े हुए हैं. जिस तरह की नफरत वो हमसे करते हैं वैसी ही आवाज अब देश की संसद के खिलाफ दिख रहा है. इन लोगों ने भारत की संसद के खिलाफ ही आंदोलन शुरू कर दिया है.

विरोध करना है तो पाकिस्तान का करो- मोदी

मोदी ने कहा कि आंदोलन करना है तो पाकिस्तान के खिलाफ करो और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की हरकतों को बेनकाब करो. पीएम ने कहा कि अगर आपको नारे लगाने ही हैं तो पाकिस्तान में जिस तरह से 70 साल से अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उससे जुड़े नारे लगाइए. अगर आपको जुलूस निकालना ही है तो पाकिस्तान से आए हिंदू, दलित, पीड़ित, शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए.

पुलिस पर पथराव करने वालों को फटकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में सीएए विरोधियों को निशाने पर लिया था. सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली सहित देशभर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव हुआ था. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को जायज ठहराया था और पुलिस पर हमला करने वालों को जमकर फटकार भी लगाई थी. पीएम ने कहा था कि पुलिस किसी का धर्म व जाति नहीं देखती, वह देश में शांति व देशवासियों की सुरक्षा के लिए काम करती है. अपना कर्तव्य निभाते हुए आजादी के बाद पुलिस के 33 हजार जवानों ने अपनी शहादत दी है.

पीएम ने पुलिस जिंदाबाद के नारे लगवाए थे

पीएम ने मंच से शहीद अमर रहें और दिल्ली पुलिस जिंदाबाद के नारे भी लगवाए. साथ ही उन्होंने लोगों को पुलिस की शहादत की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने की भी सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि हम सभी को समझना चाहिए कि पुलिस वाले हमारी सुरक्षा के लिए होते हैं. संकट आने पर धर्म व जाति पूछे बगैर पुलिस जरूरतमंदों की सहायता के लिए पहुंच जाती है. हालांकि पीएम मोदी ने कहा कि यह कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि तीन देश से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है.

सरकार अपने स्टैंड पर कायम

पीएम मोदी के इन दोनों बयानों से साफ है कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालो से सरकार किसी भी कीमत पर बातचीत नहीं करना चाहती है. पीएम ने जिस तरह से सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को देश की संसद के खिलाफ आंदोलन को खड़ा कर दिया है तो दिल्ली पुलिस के कंधों पर हाथ रखकर उन्होंने यह बात भी साफ कर दी है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने जिस तरह से एक्शन लिया है वह सही है और प्रदर्शनकारी ही गलत थे, जिन्होंने पुलिस पर पथराव किया.

इसके अलावा विरोध प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का हाथ बताकर इस पूरे आंदोलन को राजनीति से प्रेरित करार दे दिया है. इसके जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि यह जो प्रदर्शन है वह आम जनता का नहीं बल्कि राजनीतिक दलों का है. इससे साफ तौर समझा जा सकता है कि सरकार अपने स्टैंड पर कायम है और किसी भी सूरत में वह इस कानून के खिलाफ पीछे हटने वाली नहीं है. हालांकि सरकार ने इस कानून को लेकर जनजागरण के जरिए घर-घर जाकर लोगों जागरुक करेगी, लेकिन प्रदर्शनकारियों से किसी भी सूरत में वह बातचीत के मूड में नहीं है.



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