नागरिकता बिल पर BJP बनाम विपक्ष, साक्षी महाराज बोले- घुसपैठियों को तो…

केंद्रीय कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है. मोदी सरकार की तरफ से अब इस बिल को संसद में पेश किए जाने की तैयारी है. लेकिन इससे पहले विपक्ष सरकार पर हमलावर है और अपने तीखे तेवर दिखा रहा है. कांग्रेस के शशि थरूर, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि वह इस बिल का संसद में भी विरोध करेंगे. वहीं बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का कहना है कि घुसपैठिया कोई भी हो, उसे बाहर जाना ही होगा.

बिल पर किसने क्या कहा?

कांग्रेस पार्टी लगातार इस बिल का विरोध कर रही है और मोदी सरकार पर लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है कि वह नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करने जा रहे हैं, क्योंकि नागरिकों को धर्म के आधार पर बांटा नहीं जा सकता है.

कांग्रेस के अलावा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा है कि वह इस मसले का संसद में विरोध करेंगे. असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा का कहना है कि हमारी पार्टी इसका विरोध करेगी, अभी तो NRC भी पूरी तरह से सफल नहीं हुई है. इस बिल से उत्तर पूर्व में डेमोग्राफी पर फर्क पड़ेगा.

सीताराम येचुरी ने भी सरकार को घेरा

सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने भी ट्विटर के जरिए मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने लिखा कि नागरिकों को धर्म के आधार पर नहीं बांटा जा सकता है. यही वजह है कि इस बिल का समर्थन नहीं किया जा सकता है, ये बिल भारत के आधार को ही तोड़ता है. उन्होंने लिखा कि भारत के नागरिक, सिर्फ नागरिक हैं. उन्हें उनके धर्म, जाति के आधार पर नहीं बांटा जा सकता है.

‘घुसपैठियों को तो बाहर जाना ही होगा’

इस बिल पर बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का कहना है कि यह बिल कैबिनेट ने पास किया है, संसद में भी बिल आ जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बिल की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है, मैं दिल से इसका स्वागत करता हूं. साक्षी महाराज बोले कि विपक्ष का आरोप निराधार है, यह धर्म के आधार पर नहीं है बल्कि जिनसे घृणा की जाती है, उनके लिए बिल लाया गया है.

साक्षी महाराज का कहना है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम देश हैं, उनके वहां पर किनके साथ अन्याय हो सकता है, वहां पर मुसलमानों के साथ तो अन्याय होगा नहीं. उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम तो विरोध करने का है, उनके विरोध करने से कुछ नहीं होगा. साक्षी महाराज बोले कि यहां धर्मशाला नहीं है, घुसपैठियों को तो बाहर जाना ही पड़ेगा. घुसपैठिया जो भी है, वापस जाएंगे इसीलिए कानून लेकर आए हैं.

गौरतलब है कि इस बिल को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है, इसके बाद बिल को संसद में पेश किया जाना है. इस बिल के तहत अफगानिस्तान, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध धर्म के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी. अब 11 साल की जगह भारत में सिर्फ 6 साल के बाद भारत की नागरिकता मिलेगी.



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