सर्दी के महीनों के बाद बसंत (Basant Panchami ) और फसल की शुरूआत होने के रूप बसंत पचंमी (Basant Panchami ) का त्योहार मनाया जाता है। इस साल बसंत पचंमी का त्योहार 10 फरवरी को मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। मां सरस्वती को विद्या एवं बुद्धि की देवी माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन उनसे विद्या, बुद्धि, कला एवं ज्ञान का वरदान मांगा जाता है।
इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते है, पतंग उड़ाते है और मीठे पीले रंग के चावल का सेवन करते है। पीले रंग को बसंत का प्रतीक मानते है। बंसत ऋतु को सभी मौसमों में बड़ा माना जाता है। इस मौसम में न तो चिलचिलाती धूप होती है, न सर्दी और न ही बारीश, वसंत में पेड़-पौधों पर ताजे फल और फूल खिलते हैं।
यह है पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 6.40 बजे से दोपहर 12.12 बजे तक
पंचमी तिथि प्रारंभ: मघ शुक्ल पंचमी शनिवार 9 फरवरी की दोपहर 12.25 बजे से शुरू
पंचमी तिथि समाप्त: रविवार 10 फरवरी को दोपहर 2.08 बजे तक