जबलपुर। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए MP पंचायत चुनाव पर रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और राज्य सरकार को फटकार लगाई है. पूछा है कि आपने चुनाव की क्या प्रक्रिया बनाई है. कोर्ट ने सरकार और आयोग पर कई सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने चुनाव आय़ोग से कहा कि आपका काम सिर्फ चुनाव कराना नहीं है, बल्कि कहां गलतियां हो रही इसे भी देखना चाहिए.
आज रोटेशन को मुद्दा ही नहीं बनाया गया, यानी आज सिर्फ महाराष्ट्र के ओबीसी आरक्षण का पेंच फंसाकर MP पंचायत चुनाव पर रोक लगवाई गई है. आज से पहले रोटेशन को लेकर बहस हो रही थी. वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने याचिका लगाई थी और खुद पैरवी भी की. इस मामले में शाम तक आदेश जारी हो सकता है.
दरअसल वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा की याचिका में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब महाराष्ट्र के ओबीसी आरक्षण को तन्खा ने मुद्दा बना लिया. महाराष्ट्र में भी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर निकाय चुनाव पर रोक लगी है. इसलिए कोर्ट में इस मुद्दे को आधार बनाया गया. दलील दी गई कि महाराष्ट्र के लोकल बॉडी चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने MP पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को पूरे मामले की फिर से सुनवाई करने के निर्देश दिए थे. लेकिन अचानक लगी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ही सुनवाई कर दी. बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में रोटेशन के आधार पर आरक्षण न देने के खिलाफ कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर दायर रिट याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. उसके बाद आज विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जबकि राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर चुकी है.