नवजात शिशु को शौचालय में फेंक चली गई मां, अस्पताल के कर्मचारी ने रोने की आवाज सुनकर बचाया

एक मां अपनी बच्ची को जन्म देने के बाद सदर अस्पताल के शौचालय में फेंक कर फरार हो गई। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर अस्पताल के कर्मी ने शौचालय के कमोड से नवजात को उठाया और डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने नवजात का इलाज करने के बाद उसे दत्तक ग्रहण संस्थान को सुपुर्द कर दिया है। संस्था के सदस्य मोहन कुमार ने बताया कि कोई भी उक्त बच्ची को गोद ले सकता है। इसके लिए उन्हें सरकारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जिला बाल संरक्षण इकाई के सदस्य संजीव कुमार ने इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को भी दे दी है।

आपकी जो भी मजबूरी रही हो, लेकिन आपने मां शब्द को कलंकित किया है

मां तुम समुद्र हो… विशाल हृदय की स्वामिनी… करुणा से लबालब… स्नेह से संपूर्ण, ममतामयी… कहते हैं मां एक ऐसा शब्द है जिसकी व्याख्या करना असंभव है। इसकी व्याख्या के लिए महापुराण भी छोटा पड़ जाए… सही है न? पर अफसोस! सही नहीं है!… कुछ मांओं ने इस निस्वार्थ रिश्ते को भी कलंकित कर दिया।

काला कर दिया मां का आंचल! शिवहर के सदर अस्पताल में एक मां ने अपनी खून सनी जीवित नवजात बच्ची को अस्पताल के शौचालय में फेंक दिया। बच्ची बिलखती रही पर मां की ममता नहीं पिघली।… एक मां इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है? आपकी जो भी मजबूरी रही हो लेकिन अपने मां शब्द को कलंकित कर दिया।

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