GST काउंसिल की बैठक कल, सरकार ने राज्यों को किया नुकसान का भुगतान

18 दिसंबर यानी बुधवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है. इस बैठक से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के तहत राज्यों को 35,298 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं. अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने ट्विटर पर लिखा है,‘‘केंद्र सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 35,298 करोड़ रुपये जारी किए.’’ यह राशि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के कारण राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए दी गई है.

क्‍या है मामला?

दरअसल, जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू हुआ. कानून के तहत राज्यों को राजस्व के नुकसान के एवज में क्षतिपूर्ति का वादा किया गया. जीएसटी लागू होने से वैट जैसे टैक्‍स इसमें समाहित हो गए. जीएसटी के तहत राज्यों को नयी टैक्‍स प्रणाली में राजस्व में सालाना 14 फीसदी वृद्धि से कम की वसूली होने पर केंद्र से राजस्व क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकार है.

यह व्यवस्था पांच साल के लिए की गई है. क्षतिपूर्ति की राशि जुटाने के लिए तंबाकू उत्पादों, सिगरेट, शीतल पेय एवं विलासिता के सामान , वाहन तथा कोयला जैसे उत्पादों पर जीएसटी के ऊपर विशेष सेस लगाया गया है. क्षतिपूर्ति राशि हर दो महीने के बाद जारी की जाती है.  लेकिन यह अगस्त से लंबित थी. केंद्र सरकार को जीएसटी क्षतिपूर्ति के भुगतान में देरी को लेकर राज्यों की आलोचनाएं झेलनी पड़ रही थी.

18 दिसंबर को काउंसिल की बैठक

बता दें कि कल यानी 18 दिसंबर को 38वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है. बैठक में गैर-भाजपा शासित राज्यों ने विलंब से भुगतान का मुद्दा उठाने की योजना बनाई थी. पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल जैसे गैर-भाजपा शासित राज्य पिछले महीने से जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि तत्काल जारी करने पर जोर दे रहे थे.

राज्‍यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी और संसद के शीतकालीन सत्र में भी यह मुद्दा उठा था. वित्त मंत्री ने भरोसा दिया था कि केंद्र सरकार उन्हें जीएसटी के तहत राजस्व क्षतिपूर्ति का भुगतान करने के अपने वादे से पीछे नहीं हटेगी. हालांकि उन्होंने मुआवजे के भुगतान में विलंब की बात मानी लेकिन कहा कि ऐसा टैक्‍स कलेक्‍शन में कमी की वजह से हुआ है.



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