ब्रिटेन HC से अनिल अंबानी को मिली राहत, चीन के बैंकों का दावा खारिज

ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने चीनी बैंकों से संबंधित एक मामले में भारतीय कारोबारी अनिल अंबानी के पक्ष में फैसला दिया है. दरअसल, चीन के बैंकों ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) को दिए गए कॉरपोरेट कर्ज के एवज में अनिल अंबानी से 68 करोड़ डॉलर का दावा पेश किया था. अब इस दावे को लंदन स्थित हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

इसकी जानकारी देते हुए अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने बताया, “यूके हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी के उस पक्ष को स्वीकार किया कि रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड द्वारा प्राप्त कॉरपोरेट कर्ज के लिए उनकी कथित गारंटी के संबंध में चीनी बैंकों का दावा मान्य नहीं हो सकता है. अनिल अंबानी की ओर से अदालत में हरीश साल्वे पेश हुए थे.”

उन्होंने आगे बताया, “अंबानी ने अदालत में इस मामले को चुनौती देते हुए अपने पक्ष में मजबूत बचाव पेश किया है और वह इस कार्यवाही को चुनौती देना जारी रखेंगे.” प्रवक्‍ता के मुताबिक चीन के बैंकों द्वारा यूके हाईकोर्ट में दायर आवेदन को खारिज करने के फैसले से अनिल अंबानी प्रसन्न हैं.

प्रवक्‍ता ने बताया कि अदालती कार्यवाही के इस चरण में चीनी बैंकों के अधिकारियों के साथ बातचीत करने वाले आरकॉम के अधिकारियों का सबूत पेश नहीं हो सका है. हालांकि अंबानी इस बात से आश्वस्त हैं कि जब अदालत के सामने सारे तथ्य और साक्ष्य पेश होंगे तो तस्‍वीर साफ हो जाएगी.

क्‍या है मामला ?

दरअसल, चीन के तीन बैंक- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड, चाइना डेवेलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना ने लंदन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इन बैंकों ने दावा किया था कि अनिल अंबानी की निजी गारंटी की शर्त पर रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को 2012 में 92.52 करोड़ डॉलर (करीब 65 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज दिया था. तब अनिल अंबानी ने इस लोन की पर्सनल गारंटी लेने की बात कही थी लेकिन फरवरी 2017 के बाद कंपनी लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो गई.





Leave a Reply