नागरिकता संशोधन एक्ट के मुद्दे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच लगातार आर-पार की लड़ाई हो रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस, भाषण, सोशल मीडिया हर जगह नेता एकदूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. शुक्रवार को बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता तरुण गोगोई के पुराने ट्वीट को दिखाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा.
जुलाई 2018 में किए गए असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए अमित मालवीय ने लिखा, ‘तरुण गोगोई अभी भी कांग्रेस में हैं, सोनिया गांधी के करीबी हैं. क्या कांग्रेस उन्हें त्याग देगी?
Tarun Gogoi is still with the Congress and close to Sonia Gandhi.
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) December 27, 2019
Will the Congress disown him? pic.twitter.com/gKD52wV8TY
अमित मालवीय ने जो ट्वीट साझा किया है. उसमें तरुण गोगोई ने लिखा है, ‘NRC मेरे दिमाग की उपज थी. राज्य में इस तरह की कोई मांग नहीं थी, ना ही असम अकॉर्ड में इस तरह का वादा किया गया था. कांग्रेस शासन के दौरान इस तरह की बात सामने आई थी कि काफी लोगों को वोटिंग का अधिकार दिया गया है, इसलिए NRC को लाया गया.’
तरुण गोगोई ने दिया जवाब
अमित मालवीय के इस आरोप पर तरुण गोगोई ने जवाब दिया है कि बीजेपी सरकार कांग्रेस को घुसपैठियों के मुद्दे पर घेर रही है और आरोप लगा रही है. लेकिन आपने अभी तक उन्हें बाहर क्यों नहीं निकाला है? प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इसका वादा किया था, लेकिन क्या अभी आपतक उन्हें पहचान नहीं पाए हैं.
बता दें कि पहले नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) और अब नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन (NRC) के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि पूरे देश में NRC को लागू कर भारतीय जनता पार्टी देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहती है.
बैकफुट पर आई है सरकार
विपक्ष के द्वारा लगाए गए आरोप, लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार की ओर से एनआरसी के मुद्दे पर कदम पीछे हटाए गए हैं. पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फिर गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधनों में कहा है कि सरकार ने अभी एनआरसी के मुद्दे पर कोई कदम नहीं बढ़ाए हैं. अभी सिर्फ सीएए लागू किया गया है, जो शरणार्थियों को नागरिकता देता है.
मोदी सरकार की ओर से लगातार सफाई दी जा रही है कि सीएए या एनआरसी से किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी, ऐसे में अल्पसंख्यक समेत किसी को भी इससे डरने की जरूरत नहीं है.