12 साल बाद बढ़ना बंद कर देगी भारत की जनसंख्या, चिंता में सरकार

आज देश के लिए बढ़ती जनसंख्या परेशानी का सबब बनी हुई है. देश की आबादी जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखकर शायद ही कोई कल्पना कर पाए कि ये कभी नियंत्रित भी हो सकती है. लेकिन हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में खड़े होकर जनसंख्या वृद्धि दर से जुड़ा एक बड़ा बयान दिया. .

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए भारत की जनसंख्या के बारे में कहा कि आने वाले दो दशकों में जनसंख्या वृद्धि दर में देश काफी गिरावट देखेगा.

2021-41 तक जनसंख्या वृद्धि दर में भारी गिरावट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले दो दशकों में देश में जनसंख्या और लोगों की आयु संरचना के पूर्वानुमान नीति-निर्धारकों के लिए स्वास्थ्य सेवा, वृद्धों की देखभाल, स्कूल सुविधाओं, सेवानिवृत्ति से संबंधित वित्तीय सेवाएं, पेंशन कोष, आयकर राजस्व, श्रम बल, श्रमिकों की हिस्सेदारी की दर तथा सेवानिवृत्ति की आयु जैसे मुद्दों से जुड़ी नीतियां बनाना बड़ा काम होगा।

इस आर्थिक समीक्षा में जनसंख्या वृद्धि से जुड़े रुझानों पर बात करते हुए कहा गया है कि देश में राज्य स्तर पर जनसंख्या वृद्धि से जुड़ी विभिन्नता दिखने को मिलेगी. इस समीक्षा में बताया गया है कि जिन राज्यों में जनसंख्या का स्वरूप तेजी से बदल रहा है वहां जनसंख्या वृद्धि दर साल 2031 से लेकर 2041 तक लगभग शून्य में बदल जाएगी. इतना ही नहीं जिन राज्यों में जनसंख्या संरचना बदलाव धीमी गति से हो रहा है वहां भी साल 2021 से लेकर 41 तक जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट दर्ज की जाएगी.

इस आर्थिक समीक्षा में जनसंख्या से जुड़ी एक और अहम बात पर चिंता जताई गई. समीक्षा में बताया गया कि 0-19 वर्ष के युवाओं की संख्या साल 2011 के उच्चतम स्तर 41 प्रतिशत के मुकाबले साल 2041 में यह प्रतिशत घटकर मात्र 25 प्रतिशत रह जाएगा.

जबकि दूसरी तरफ, आबादी में 60 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या 2011 के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2041 तक 16 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी. 2021-31 के बीच काम करने वाली आबादी की संख्या 97 लाख प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी जो कि साल 2031-41 के बीच घटकर 42 लाख प्रति वर्ष रह जाएगी.

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