नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान की तबीयत बिगड़ी, सांस लेने में तकलीफ के बाद हॉस्पिटल में भर्ती

पासवान, मोदी के करीबी माने जाते हैं और इन्हें राजनीति में ‘मौसम वैज्ञानिक’ के तौर पर भी जाना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में केंद्रीय मंत्री (खाद्य, लोक वितरण और ग्राहक मामले ) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष रामविलास पासवान की तबीयत सोमवार को अचानक बिगड़ गई। 73 वर्षीय राजनेता को सांस लेने में तकलीफ हुई थी, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन नई दिल्ली स्थित एस्कॉर्ट हॉस्पिटल ले जाया गया।
सूत्रों ने बताया कि वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहे थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इससे पहले उनके बीमार होने की कोई खबर नहीं थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टर्स की टीम उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर लगातार नजर रखे है। हालांकि, पासवान के टि्वटर अकाउंट से शाम को ट्वीट कर बताया गया कि वह बिल्कुल ठीक हैं और रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे थे

बीते बुधवार को पासवान बिहार में बाढ़-जल जमाव का जायजा लेने हाजीपुर पहुंचे थे, जहां लोगों ने उनका घेराव कर लिया था। जैसे ही वह अपनी गाड़ी से बाहर निकले थे, लोगों ने सवाल दागा था कि आखिर आप पांच दिनों से कहा थे?

पासवान पिछले 32 सालों में 11 बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह मोदी के करीबी माने जाते हैं और उन्हें राजनीति में ‘मौसम वैज्ञानिक’ के तौर पर भी जाना जाता है। बिहार से ताल्लुक रखने वाले दिग्गज नेता ने इस बार का आम चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि, वह मौजूदा समय में राज्यसभा सदस्य हैं और उनकी LJP, NDA की सहयोगी पार्टी है। वहीं, उनके बेटे चिराग पासवान लोकसभा सांसद हैं।

आठ बार लोकसभा सांसद रहे पासवान 1989 से कभी भी विपक्ष में नहीं बैठे हैं। उन्होंने 1977 में पहली बार आम चुनाव जीता था। वह तब जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर क्षेत्र से लड़े थे। वह इसके अलावा 1980, 1989, 1996 and 1998, 1999, 2004 और 2014 का चुनाव भी जीते। हालांकि, 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया। पर उन्हें बिहार से राज्यसभा सदस्य नामित किया गया।

जुलाई, 2019 में पासवान के भाई रामचंद्र पासवान की दिल्ली स्थित RML अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें वहां 12 जुलाई को ICU में भर्ती कराया गया था।

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