क्या सिंधिया पर तंज कसने के लिए केपी यादव ने ली पीएम मोदी के साथ सेल्फी?

लोकसभा चुनाव 2019 में मध्य प्रदेश में दिग्गज कांग्रेसी नेता भी जीत दर्ज नहीं कर पाए थे. इनमें से एक कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, जिनको गुना से भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण पाल सिंह यादव यानी केपी यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. वहीं गुना से बीजेपी सांसद की इन दिनों एक सेल्फी काफी वायरल हो रही है, जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज के तौर पर देखा जा रहा है.

संसद का सत्र चल रहा है और गुना से बीजेपी सांसद दिल्ली में मौजूद हैं. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक सेल्फी ली, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है. दरअसल, केपी यादव की पीएम मोदी के साथ इस सेल्फी को केपी यादव की एक पुरानी सेल्फी से जोड़कर देखा जा रहा है. आम चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने के बाद केपी यादव की एक पुरानी सेल्फी रातों-रात वायरल हुई थी. जिसमे वो सिंधिया की गाड़ी के बाहर खड़े हैं और गाड़ी में बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सेल्फी ले रहे हैं. इस तस्वीर पर लोगों ने कई कमेंट किए थे और लिखा था कि इंसान की किस्मत किसी भी वक्त पलट सकती है

दरअसल, बीजेपी ने जब केपी यादव को गुना संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया था तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने केपी यादव की इसी सेल्फी को वायरल करते हुए उनका मजाक उड़ाया था और कहा था कि बीजेपी ने ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है जो सिंधिया के साथ सेल्फी लेने के लिए कतार में लगता है. वहीं कई लोग ये बात कहते थे कि केपी यादव को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही अपने सामने खड़ा करवाया है ताकि कमजोर उम्मीदवार के सामने वो आसानी से जीत सके.

हालांकि 23 मई को लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस को मानों सांप ही सूंघ गया. कमजोर प्रत्याशी माने जा रहे केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे दिग्गज नेता को मात देकर गुना से लोकसभा चुनाव जीत लिया था.

मोदी के साथ सेल्फी, सिंधिया पर तंज?

लोकसभा चुनाव जीत कर पहली बार संसद पहुंचे केपी यादव ने भले ही अब सेल्फी पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ली हो लेकिन निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को माना जा रहा है. ये सेल्फी मध्य प्रदेश की राजनीति में खूब सुर्खियां बटोर रही है. बीजेपी इसे कांग्रेस के लिए सबक बता रही है और तंज कसते हुए कह रही है कि कांग्रेस के पास छोटे कार्यकर्ताओं के लिए कोई जगह नहीं जबकि बीजेपी में ऐसा कुछ नहीं है.

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