हिंसा के लिए PAK को जिम्मेदार ठहराना, ये बात हजम नहीं होती: शिवसेना

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर शिवसेना ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘विधेयक के विरोध में आवाज उठाने वाले जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस ने बंदूकें तान दीं. गोलियां चलाईं. जब अपने ही देश के छात्रों पर बंदूक तानने की नौबत आ जाए तो ये समझना चाहिए कि मामला हाथ से निकल चुका है. दिल्ली में पुलिस की कार्रवाई अमानवीय और गैरकानूनी है. जलियांवाला बाग हत्याकांड में अंग्रेजों ने इससे अलग कुछ नहीं किया था.’

मोदी सरकार की दुर्बलता

शिवसेना ने कहा, ‘पीएम मोदी ने कहा कि हिंसा के पीछे पाकिस्तान का दिमाग और हाथ है. ऐसा कहना मोदी सरकार की दुर्बलता है. एक महाशक्तिमान देश में पाकिस्तान जैसा कमजोर देश अगर इस प्रकार के दंगे आदि कराने की क्षमता रखता है तो ये हिंदुस्थान के लिए शोभनीय नहीं है. एक तरफ ये कहना कि ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ आदि करके हमने पाकिस्तान को खत्म कर दिया, घुटने टेकने को मजबूर कर दिया और उसी समय देश का जल उठना और इसका ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ना, ये बात हजम नहीं होती.’

सावरकर पर क्या लिखा

सावरकर का अपमान करनेवालों के कोट में गुलाब का फूल खोंसकर उसे दिखाते घूम रहे हो इसलिए तुम्हारे सावरकर प्रेम के ढोंग का पर्दाफाश हो चुका है. तुम महाराष्ट्र में ढोंग और देश में स्वांग कर रहे हो. सावरकर को लेकर मगरमच्छ के आंसू बहाने की बजाय नागरिकता संशोधन विधेयक पर देश क्यों जल उठा? पहले इसका जवाब जनता को दो. महाराष्ट्र में पहले की सरकार ने समस्याओं का पहाड़ खड़ा कर रखा है. अरब सागर के शिव स्मारक में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. ऐसे कई मामले हैं. उन मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विरोधी दल फालतू की बातें कर रहा होगा तो ये बातें उन्हीं को भारी पड़ेंगी. विरोधी दल सकारात्मक दृष्टिकोण रखे. विरोधियों की कुंडली हमारे हाथ में है, उद्धव ठाकरे ऐसी धमकी देनेवालों में से नहीं हैं. ऐसी धमकियां पूर्व मुख्यमंत्री ने दी थीं. महाराष्ट्र में ये चीज अब समाप्त हो चुकी हैं.


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