
पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को कोलकाता पहुंच रहे हैं. कोलकाता पहुंचने के बाद वह पहले दो कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. वहीं शनिवार शाम, पीएम रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ जाएंगे. जाहिर है 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती भी है.
मोदी, युवावस्था में स्वामी विवेकानंद के विचारों से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने तपस्वी बनने का फैसला कर लिया था. 60 के दशक में वह पहली बार बेलूर मठ गए थे, लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष ने उन्हें शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी. वह तपस्वी बनने के लिए जरूरी न्यूनतम उम्र से नीचे थे. बाद में मोदी अल्मोड़ा में आरकेएम सेंटर गए और वहां भी उनकी अपील को नामंजूर कर दिया गया.
इसके बाद मोदी दो साल के लिए हिमालय चले गए और उसके बाद अपने गांव लौटे और राजकोट स्थित सेंटर में आना शुरू कर दिया. यहां पर उनकी मुलाकात स्वामी आत्मास्थानंद से हुई. स्वामी आत्मास्थानंद ने उन्हें सलाह दी थी कि उनका जीवन संन्यास के लिए नहीं है बल्कि उन्हें लोगों के बीच काम करना चाहिए. आत्मास्थानंद का 2017 में निधन हो गया था. निधन पर दुख जाहिर करते हुए मोदी ने उसे व्यक्तिगत क्षति बताया था.
मोदी-2 सरकार के कार्यकाल में पीएम की यह पहली यात्रा है. हालांकि अपने पहले कार्यकाल में वो कई बार पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए हैं.
पहले भी गए हैं बेलूर मठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले साल 2015 के मई महीने में बेलूर मठ आए थे. रामकृष्ण मठ का दौरा करते हुए पीएम काफी भावुक हो गए थे. उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कक्ष में करीब 15 मिनट रुके. इस दौरान वो पादुकाओं के पास बैठकर ध्यान लगाते रहे. बता दें कि इस कक्ष में स्वामी विवेकानंद से संबंधित सामान रखा है.
30 लाख लोगों तक स्वामी विवेकानंद की शिक्षा पहुंचाने के लिए चलेगा अभियान
सरकारी कार्यक्रम में भी होंगे शामिल
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि पीएम मोदी शनिवार को कोलकाता में चार धरोहर इमारतों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इन इमारतों में पुराना करेंसी बिल्डिंग, बेल्वेदेरे हाउस, मेटकॉफ हाउस और विक्टोरिया मेमोरियल हाल शामिल है. संस्कृति मंत्रालय ने इनकी मरम्मत एवं साज सज्जा का काम किया है.
PM @narendramodi will visit Kolkata on 11th and 12th January 2020. He will be taking part in various programmes during his visit.
— PMO India (@PMOIndia) January 10, 2020
दरअसल केंद्र सरकार विभिन्न मेट्रो शहरों, जैसे- कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद और वाराणसी में प्रसिद्ध इमारतों के आसपास सांस्कृतिक स्थलों का विकास कर रही है.