नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ शहरों में हिंसा भी हुई है. हिंसा का जो वीडियो सामने आ रहा है, उन्हीं में से एक को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया था. पुलिस के द्वारा वीडियो को जबलपुर, मध्यप्रदेश का बताया गया था. अब इसी पर जबलपुर के एसपी का बयान सामने आया है.
जबलपुर पुलिस के SP अमित सिंह ने यूपी पुलिस द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो पर कहा है कि उनको (UP पुलिस) को इस वीडियो को ट्वीट नहीं करना चाहिए था. उनके पास भी कई तरह के वीडियो सामने आए थे, लेकिन जबलपुर पुलिस ने इस तरह से वीडियो साझा नहीं किया.
जबलपुर एसपी ने कहा कि जिन वीडियो को शेयर किया जा रहा है, वह कितने सही हैं उनका पता लगाना मुश्किल है. जिस वीडियो को यूपी पुलिस ने साझा किया है उसकी जांच की जा रही है और सही एक्शन लिया जाएगा.
वीडियो में दिखाई जा रही घटना @UPPolice से संबंधित नहीं है, यह जबलपुर मध्य प्रदेश का वीडियो है।#UPPAgainstFakeNews pic.twitter.com/7GBEYkTw2W
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) December 25, 2019
बता दें कि 25 दिसंबर को शाम सात बजे उत्तर प्रदेश पुलिस के फैक्टचेक विभाग की तरफ से एक वीडियो ट्वीट किया गया था. इस वीडियो में पुलिस के जवान गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए दिखाई दे रहे हैं, सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पुलिस के जवानों को यूपी पुलिस का बताया जा रहा था.
यूपी पुलिस ने दावा किया कि ये वीडियो यूपी पुलिस का नहीं है, बल्कि जबलपुर, मध्यप्रदेश का है. इसी पर अब जबलपुल के एसपी का बयान सामने आया है.
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के कई शहरों में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था. मेरठ, बिजनौर, लखनऊ समेत कई शहरों में हिंसा भी हुई थी, इसी के वीडियो धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं. यूपी पुलिस लगातार इस तरह के वीडियो, पोस्टर डालकर हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन ले रही है.