डेढ़ दशक तक राज के बाद मध्यप्रदेश की सत्ता से बाहर हो जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी किसी प्रबल संभावना के तौर पर देख रही है। भाजपा के आम कार्यकर्ताओं को भी कहते सुना जा सकता है कि सिंधिया ही भाजपा की सरकार बनवा सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्योतिरादित्य की दादी से लेकर बुआ सबका भाजपा से भूतकाल और वर्तमान का गहरा नाता रहा है।
हालांकि यह वही भाजपा है जिसने ज्योतिरादित्य सिंधिया को को चुनाव हराने के लिए सिंधिया घराने और उनके भारत की आजादी के लिए योगदान तक पर गहरे प्रश्नचिन्ह लगाए। बहरहाल सत्ता की लालसा जो न करवाए वह कम है। वर्तमान में महाराष्ट्र के सरकार गठन के संकट तो यही बताते हैं कि अब पार्टी या विचारधारा के मायने खत्म हो चुकें हैं अब केवल कुर्सी की दौड़ शेष है।
खबर यह है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनी ट्विटर प्रोफाइल में बदलाव के बाद सियासी गलियारों में खलबली मच गई है।सड़क से लेकर सोशल मीडिया और भोपाल से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है। पीएम मोदी से सिंधिया की मुलाकात की भी खबरें सुर्खियां बटोर रही है। वही बयानबाजी का दौर तेजी से चल पड़ा है। इसी कड़ी में बीजेपी के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान सामने आया है। सिंधिया द्वारा इस कदम को उठाने के पीछे की वजह कैलाश ने कांग्रेस में सिंधिया की उपेक्षा बताया है।
दरअसल, आज मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर के स्टेटस बदलने पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि लंबे समय से सिंधिया की कांग्रेस में उपेक्षा हो रही है। जो कि किसी भी पार्टी के नेता के लिए सही नहीं है। वही बीजेपी में आने की अटकलों पर कैलाश ने कहा कि ऐसी कोई बात मेरी जानकारी में नहीं है।
इससे पहले बीते दिनों कैलाश विजयवर्गीय से जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया की उम्मीदवारी से जुड़ा सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था मेरी शुभकामनाएं सिंधिया जी को कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। यह मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी, अगर वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते है तो।
एक तरह से कैलाश विजयवर्गीय ने खुलकर सिंधिया का सपोर्ट ही किया था। आपको बता दे कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को सिंधिया ने ट्विटर अकाउंट से अपना ‘कांग्रेसी परिचय’ हटा दिया है। अपने नए बायो में उन्होंने खुद को सिर्फ जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया है। इससे पूर्व सिंधिया ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपना पद कांग्रेस महासचिव 2002-2019 लिखा था।अचानक ₹ सिंधिया के ट्विटर पर यूं प्रोफाइल पर पद बदलने से सियासत गरमा गई है।इसे सिंधिया की पार्टी से चल रही नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
वही उनके बीजेपी में जाने की अटकलें फिर से शुरु हो गई है।
हालांकि स्वयं ज्योतिरादित्य ने सामने आकर न्यूज़ एजेंसी ए एन आई को दिए अपने वक्तव्य में सफाई देते हुए कहा है कि यह सब अफवाह हैं दरअसल उन्हें अपने शोशल मीडिया के बायो को छोटा करने की सलाह दी गई थी जिसे उन्होंने माना ।