जबलपुर/ सिहोरा, । अचानक बदला मौसम एक बार फिर अन्नदाता पर कहर बनकर टूटा बेमौसम बारिश से जहां खरीदी केंद्रों में पानी भर गया। वहीं तौल के बाद एवं तौल के लिए खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं, चना और मसूर बारिश में बुरी तरह गीला हो गया। करीब एक घंटे तक रुक-रुक कर बारिश का दौर चलता रहा।
अंधड़ के कारण कई जगह नुकसान हुआ है। खरीदी केंद्रों में उपज की सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने बारिश का पानी भरने से खुले में रखा किसानों का हजारो क्विंटल गेहूं एवं दलहन भीग गई। किसान उपज बचाने तिरपाल और दूसरी इंतजाम में लगे रहे, लेकिन फिर भी उपज को नहीं बचा पाए।
फसल बर्बाद होने की मुख्य वजह परिवहन की धीमी गति –
गुरुवार दोपहर में हुई तेज बारिश के चलते सिहोरा कृषि उपज मंडी में भावांतर योजना के तहत खरीदे जा रहे दलहनी फसल चना और मसूर करीब 26000 क्विंटल परिवहन के अभाव में मंडी परिसर में पड़ी हुई है,बारिश में पूरी तरह भीग गया। जिसमें करीब 17 000 क्विंटल चना एवं 9000 क्विंटल मसूर है। वहीं खरीदी केंद्रों में परिवहन के अभाव में पड़ा 55 हजार क्विंटल गेहूं बारिश में भीग गया।
इन केंद्रों में भरा पानी –
बारिश के कारण फनवानी, खभरा, पोड़ा, मझगवां, खिरहनी, गोसलपुर, तलाड़, बरगी, नुंजी सहित खुले में बने खरीदी केंद्रों में पानी भरने से किसान उपज बचाने की जुगत में लगे रहे।
किसानों की उप आज का नहीं हो रहा भुगतान –
प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि उपज मंडी सिहोरा व फनवानी में क्षेत्र के अनेक पंजीकृत किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर बेची गई फसल के भुगतान के लिए परेशान होना पड़ रहा है ।जानकारी के अनुसार किसानों ने बताया कि जब भी बैंक जाते हैं तो उन्हें बैरंग वापस होना पड;ता है अपनी बेची गई फसल का समय पर भुगतान ना होने से वह अपनी आगामी कृषि का किस प्रकार व्यवस्था कर पाएंगे से परेशान है।