CID विभाग छीने जाने पर बोले अनिल विज- मुख्यमंत्री को फैसले लेने का पूरा अधिकार

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच CID की रिपोर्टिंग को लेकर जारी विवाद और भी गहरा गया है. बुधवार रात सीएम ऑफिस की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया गया है कि अब CID की रिपोर्टिंग गृह मंत्री अनिल विज के पास नहीं रहेगी बल्कि मुख्यमंत्री के पास CID विभाग रहेगा.

इस मामले में राज्यपाल की अधिसूचना को लेकर ये प्रेस रिलीज जारी की गई है. लेकिन अनिल विज इससे पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर मुख्यमंत्री CID विभाग अपने पास रखना चाहते हैं तो इसके लिए विधानसभा से कानून में बदलाव को लेकर प्रस्ताव पारित करना होगा क्योंकि सीआईडी गृह मंत्रालय के अधीन आता है. विज का कहना है कि अगर सीआईडी को गृह मंत्रालय से अलग करना है तो उसके लिए विधानसभा में एक संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करना होगा.

सीएम खट्टर के जिम्मे CID

नए विभाग फेरबदल के मुताबिक सीआईडी के अलावा DOPT और राज भवन से जुड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी भी बदली गई है. वहीं परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा से संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी लेकर शिक्षा मंत्री कंवर पाल को सौंपी गई है. ताजा फेरबदल से सीआईडी विवाद थमता दिख रहा है क्योंकि सीआईडी चीफ को हटाने पर अड़े अनिज विज को अब यह विभाग रिपोर्ट नहीं करेगा.

विभाग वापस लेने के बाद विज ने कहा कि मुख्यमंत्री सुप्रीम नेता हैं और उनके पास किसी भी  विभाग को रखने और चलाने का अधिकार है.

पहले से जारी CID विवाद

सीआईडी और अनिल विज के बीच बीते कुछ दिनों से विवाद चल रहा था. गृह मंत्री विज पहले ही हरियाणा सीआईडी चीफ अनिल राव को पद से हटाने और उनके खिलाफ चार्जशीट दर्ज करने की मांग कर चुके हैं. इसके लिए अनिल विज ने मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी भी लिखी थी. इस चिट्ठी में अनिल विज ने CID चीफ अनिल राव के खिलाफ शिकायत की है और कहा है कि वह उनके आदेश नहीं मान रहे हैं जबकि यह विभाग उनके अधीन आता है.

बता दें कि हरियाणा में सीआईडी विभाग को लेकर काफी दिनों से विवाद जारी है. पहले ये विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करता था, लेकिन फिर ये विभाग कैबिनेट मंत्री के हाथ में गया है तभी से विवाद गहरा रहा है. नए घटनाक्रम में फिर से CID विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दिया गया है.





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