सोनोवाल सरकार को बड़ी सफलता, 644 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण

असम के इतिहास के लिए आज गुरुवार का दिन काफी अहम रहा. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के सामने गुरुवार को 177 हथियारों के साथ आठ विद्रोही समूहों के कुल 644 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया.

गुवाहाटी में आत्मसमर्पण करने वाले ये सभी उग्रवादी प्रतिबंधित संगठनों यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट असम (उल्फा), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोरोलैंड (एनडीएफबी), राभा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (आरएनएलएफ), कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ), सीपीआई (माओवादी) और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बंगाली (एनएलएफबी) शामिल थे.

आत्मसमर्पण पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भाष्कर ज्योति महंता ने कहा कि यह राज्य और असम पुलिस के लिए ऐतिहासिक दिन है. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में यह आत्मसमर्पण किया गया.

इस महीने की शुरुआत में, प्रतिबंधित एनडीएफबी ने सरकार के साथ अपने अभियान को खत्म करने को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था.

केंद्र के साथ समझौता

करार के अनुसार, अपने ‘नेता’ बी सौरीगव्रा के नेतृत्व में एनडीएफबी जल्द हिंसा को समाप्त करेगा और सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होगा.

अधिकारियों ने कहा कि त्रिपक्षीय समझौते पर एनडीएफबी के अलावा केंद्र और असम सरकार के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे. सौरीगव्रा सहित एनडीएफबी के सक्रिय सदस्यों को 11 जनवरी को म्यांमार से वापस लाया गया था.

बोडो के लिए अलग राज्य की मांग असम में पिछले पांच दशकों से चल रही थी, जिसमें कई आंदोलन, विरोध और जमकर हिंसा हुई.

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