
कोरोना वायरस से चीन में 1523 लोगों की मौत हो गई है. वहीं भारत में भी इसकी दहशत बरकरार है. जापान में ‘डायमंड प्रिंसेस’ जहाज पर सवार 3 भारतीय भी कोरोना के चपेट में आ गए हैं. जहाज पर फंसे ये भारतीय सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द हिंदुस्तान लाया जाए.
दरअसल, जापान के तट पर खड़े क्रूज जहाज डायमंड प्रिंसेस में हजारों मुसाफिर और क्रू मेंबर मदद के इंतजार में हैं. इस डायमंड प्रिंसेस शिप पर सवार 3 भारतीय कोरोना वायरस से पीड़ित हैं और भारतीय दूतावास इन पीड़ितों के संपर्क में है.
डायमंड शिप में मौजूद मदुरै के रहने वाले अनबलागन से वीडियो कॉल के जरिये बात की. अनबलागन ने वीडियो में दिखाया कि उन्हें एक कमरे में रखा गया है जबकि बाकी पैसेंजर्स को शिप के टॉप डेक पर. खाना भी उन्हें कमरों में पहुंचाया जा रहा है.
अनबलागन ने अपनी परिस्थिति की जांबाज पायलट अभिनंदन से तुलना करते हुए सरकार से मदद की गुहार भी लगाई. उन्होंने कहा, अभिनंदन ने जिस तरह पाकिस्तान से वतन वापसी की थी उसी तरह मुझे भी उम्मीद है कि मैं भी वतन वापसी करूंगा.
अनबलागन की पत्नी ने मदुरै के डीएम से संपर्क कर सरकारी मदद की गुहार की और टोक्यो से पति को सुरक्षित वतन लाने की फरियाद की. इन्हीं में से एक मुंबई की सोनाली ठक्कर भी हैं जो जहाज की सुरक्षा टीम की सदस्य हैं और जिनकी तबीयत खराब है.
वीडियो कॉल में उन्होंने अपनी आपबीती और वहां के हालात का जिक्र किया. डायमंड प्रिंसेस शिप पर ही पश्चिम बंगाल के बिनॉय सरकार भी मौजूद हैं. बिनॉय इस क्रूज में शेफ हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि 20 फरवरी तक वो भारत पहुंच जाएंगे.
उधर वुहान से लौटे 406 भारतीयों को भारत-तिब्बत सीमा पर निगरानी में रखकर जांच की गई. राहत की बात रही कि किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले.
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वुहान से लौटे नागरिकों के लिए तो राहत रही लेकिन कोरोना का डर किस कदर फैल रहा है इसकी एक बानगी आसनसोल में देखने को मिली. आसनसोल के एक गांव में चीन से लौटे एक छात्र को कोरोना पीड़ित होने के शक में कैदी की तरह कमरे में बंद कर दिया गया. हालांकि बाद में जांच में कोरोना के लक्षण नहीं मिलने पर उसे मुक्त कर दिया गया.