सीएम ममता ने की जनमत संग्रह की मांग, किशन रेड्डी ने बताया भारत विरोधी रुख

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई इलाकों में उग्र प्रदर्शन हुआ. वहीं अब गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति की अपील की है. वहीं नागरिकता कानून को लेकर गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी का कहना है कि इसमें भारतीय नागरिक के खिलाफ एक शब्द भी नहीं है. साथ ही उन्होंने सीएम ममता के बयान को भारत विरोध करार दिया है.

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि हमने लोगों से विरोध न करने की अपील की है. नागरिकता संशोधन कानून में किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ एक भी शब्द या लाइन नहीं है. गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, ‘मैं राजनीतिक दलों और बुद्धिजीवियों से भी पूछता हूं जो लोगों को गुमराह कर रहे हैं, क्या आप लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं?’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी किशन रेड्डी ने निशाना साधा. उन्होंने सीएम ममता के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया है. किशन रेड्डी ने कहा है, ‘मुझे नहीं पता कि वह इस तरह क्यों बोल रही हैं. यह भारत विरोधी रुख है.’

ममता बनर्जी ने क्या कहा?

बता दें कि देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी हिंसा भी देखी जा रही है. इस बीच सीएम ममता बनर्जी ने नए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर जनमत संग्रह की मांग की है.

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि अगर बीजेपी में हिम्मत है तो वह सीएए और एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में जनमत संग्रह कराए. ममता बनर्जी ने कहा कि जनमत संग्रह के बाद देखते हैं कि कौन जीतता है. केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती देते हुए ममता ने आगे कहा कि अगर तुम हारते हो तो तुम्हें इस्तीफा देकर जाना होगा.




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