बीपीएससी परीक्षार्थियों ने लगाई छात्र संसद, प्रशांत किशोर भी धरने पर बैठे

बिहार में बीते 18 दिसंबर से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षार्थियों ने पटना के गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के नीचे छात्र संसद लगाई.

परीक्षार्थी सुबह 11 बजे से ही गांधी मैदान में जुटने लगे थे.

छात्र संसद में हिस्सा लेने आई स्मृति कहती हैं, “2024 में हमारी परीक्षा हो रही है, 2025 में उनकी (नीतीश कुमार) परीक्षा है. अगर हम लोगों की बात नहीं सुनी गई तो उनको हार झेलनी पड़ेगी.”

परीक्षार्थी चंदन कुमार कहते हैं, “90 फ़ीसदी बच्चे री-एग्ज़ाम के पक्ष में हैं क्योंकि 12,000 बच्चों की अलग से परीक्षा होगी तो नॉर्मलाइजेशन लागू हो जाएगा, जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं.”

वहीं, मुंगेर से आई नयनिका कहती हैं, “हम लोगों के भविष्य के साथ सरकार ने मजाक किया है. पीसीएस की परीक्षा कहकर सिपाही बहाली का पेपर ले लिया.”

इस संसद में हिस्सा लेने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी पहुंचे.

उन्होंने कहा, “सरकार इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का विषय बना रही है और छात्र हित को पीछे धकेलकर खुद का नुकसान कर रही है.”

बीपीएससी 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा 13 दिसंबर को हुई थी, जिसमें पटना के एक सेंटर बापू परीक्षा परिसर की परीक्षा प्रश्न पत्र देर से मिलने के कारण रद्द हुई थी.

परीक्षार्थियों की मांग है कि सभी 912 सेंटर की परीक्षा रद्द करके दोबारा परीक्षा कराई जाए. इसी मांग को लेकर बीपीएससी परीक्षार्थी 18 दिसंबर से पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

परीक्षार्थियों ने पटना के गांधी मैदान में संसद लगाई, जिसमें लगातार नारे लगाए जा रहे हैं. पटना जिला प्रशासन ने कहा है कि संसद लगाने की अनुमति नहीं ली गई है.

परीक्षार्थियों के इस आंदोलन को बिहार की सभी विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला है.

वहीं, बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने दोहराते हुए कहा, “राज्य के किसी भी जिला प्रशासन से दोबारा परीक्षा लेने का आयोग के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, इसलिए आयोग पूरी परीक्षा रद्द नहीं करेगा.”

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