पढ़िए, मध्यप्रदेश में बीजेपी को गच्चा देने वाले विधायक नारायण त्रिपाठी की Inside Story

मैहर से बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने सदन में दंड विधि संशोधन विधेयक के दौरान क्रॉस वोटिंग की है। नारायण त्रिपाठी ने बीजेपी को ऐसे वक्त पर गच्चा दिया है, जब पार्टी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने का दावा कर रही थी। विधायक नारायण त्रिपाठी का दल-बदल का पुराना इतिहास रहा है। लेकिन क्रॉस वोटिंग के बाद उन्होंने पूर्व सीएम शिवराज सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

हम आपको नारायण त्रिपाठी की इनसाइड स्टोरी बताते हैं, जिसे समय रहते बीजेपी नहीं भांप पाई। क्रॉस वोटिंग के बाद नारायण भी कह रहे थे कि हम बाहर से आए थे। इसलिए बीजेपी ने हमें सम्मान नहीं दिया। दरअसल, विधानसभा चुनावों के दौरान नारायण त्रिपाठी कांग्रेस से बीजेपी में आए थे। लोकसभा चुनाव के समय से ही सतना सांसद गणेश सिंह के साथ उनकी अनबन चल रही है। पिछले दिनों तो दोनों की लड़ाई सार्वजनिक हो गई थी। पार्टी नेतृत्व कभी इनदोनों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश नहीं की।

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ऐसे में नारायण त्रिपाठी के गच्चा देने के पीछे एक बड़ी वजह गणेश एंगल हो सकता है। सतना सांसद गणेश सिंह और मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के बीच इस कदर मनमुटाव बढ़ गया था कि दोनों एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक मंचों से टिप्पणी करने लगे थे। दोनों ने एक-दूसरे की हैसियत बताने पर तुले थे। विंध्य के इलाके में दोनों की सियासी बगावत की चर्चा भी खूब होती थी।

ऐसे हुई शुरुआत

दरअसल, सतना से सांसद गणेश सिंह ने जून महीने में अपने संसदीय क्षेत्र स्थित नागौद में मंच से चुनाव में असहयोग करने वाले नेताओं को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि वे भूलकर भी कभी मेरे समाने न आएं। मेरे मुंह से उनके लिए गलत शब्द निकल जाएंगे। विधायक नारायण त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए कहा कि सांसद कहते हैं कि कोई सामने आ जाएगा तो बेइज्जत कर देंगे। तो ध्यान रखिएगा कि आप भी बेइज्जत होंगे।

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सांसद ने मानसिक संतुलन खो दिया

गणेश सिंह की इस टिप्पणी के बाद मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी फेसबुक पर पोस्ट लिख सांसद पर हमला किया। उन्होंने लिखा था कि जीत के कारण सांसद ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। लगता है दो लाख से ज्यादा मतों से जीतने के कारण उन्हें लगने लगा है कि वे लोकप्रिय हो गए हैं। नारायण त्रिपाठी ने लिखा था कि सांसद गणेश सिंह भूल गए हैं कि जीत उनकी लोकप्रियता के कारण नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण मिली है। विधायक ने कहा कि अहंकार में डूबे सांसद यह जान लें कि विधायकों ने उनका विरोध किया होता, तो वे इस तरह की बयानबाजी के लिए बचे ही नहीं होते।

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नारायण त्रिपाठी ने कहा था कि मेरे गृह ग्राम में लटगांव में चार पोलिंग आती हैं, चारों में सांसद ने जीत दर्ज की है। जबकि विधानसभा चुनाव में सांसद के गृह ग्राम खमरिया में भाजपा प्रत्याशी पोलिंग हार गया था। पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

इस विवाद को नहीं सुलझा पाई पार्टी

विंध्य इलाके के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच विवाद जारी था। लेकिन मध्यप्रदेश बीजेपी के नेता सब कुछ जानकर भी अनजान बने हुए थे। दोनों नेताओं के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश पार्टी ने कभी नहीं की। शायद इस वजह से नारायण त्रिपाठी खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे। इस बात के संकेत उन्होंने क्रॉस वोटिंग के बाद दिया है।

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क्या कहा नारायण ने

क्रॉस वोटिंग के बाद विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वहां के जिला अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और शिवराज सिंह चौहान। ये सभी लोग हमारी सुनने को तैयार नहीं थे। इनलोगों ने यह जता दिया कि जो बाहर से आएगा वो पछताएगा। पार्टी में उसे नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। मेरे ऊपर क्षेत्री की जनता का आशीर्वाद है। मैं राजनीति में धंधा-व्यापार नहीं करता हूं।

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वहीं, नारायण त्रिपाठी का दलबदल का पुराना इतिहास रहा है। वे सपा से कांग्रेस में आए थे। फिर कांग्रेस से बीजेपी में चले गए और अब फिर बीजेपी से कांग्रेस में जाने की बात कही है।

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