Bhai Dooj 2019 Puja Vidhi, Vrat Katha, Muhurat, Timings: भाई दूज पर इस विधि से करें पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और कथा

Bhai Dooj 2019 Puja Vidhi, Tikka Shubh Muhurat, Time: भैया दूज का त्योहार यमुना और उनके भाई यमराज पर आधारित है। बहनें भाइयों के लिए यमराज से लंबी आयु का वरदान मांगती हैं।

Bhai Dooj 2019 Puja Vidhi, Muhurat, Time, Vrat Katha: भाई दूज या भैया दूज का त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। दिवाली के दो दिन बाद होने वाला इस पर्व को बहन भाई के प्रेम का प्रतीक माना गया है। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहते हैं। भैय्या दूज पर बहनें अपने भाइयों को टीका करके उनकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। इस बार भाई दूज का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:12 बजे से 03:26 बजे तक रहेगा। जानिए भाई दूज की पूजा विधि और कथा…

Bhai Dooj 2019 Puja Vidhi, Vrat Katha, Muhurat, Timings: भाई दूज पर इस विधि से करें पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और कथा

भाई दूज पूजा विधि : (Bhaiya Dooj, Bhai Dooj Puja Vidhi)

इस दिन भाई बहन को यमुना में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। क्योंकि यमुना मृत्यु देवता यम की बहन मानी जाती है। लेकिन अगर यमुना में स्नान कर पाना संभव न हो तो घर पर सुबह उठकर स्नान कर तैयार हो जाएं। सबसे पहले बहन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अर्घ्य दें। इसके बाद बहन अपने भाई को घी और चावल का टीका लगाती हैं। फिर भाई की हथेली पर सिंदूर, पान, सुपारी और सूखा नारियल यानी गोला भी रखती हैं। फिर भाई के हाथ पर कलावा बांधा जाता है और उनका मुंह मीठा किया जाता है। इसके बाद बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है। भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं।

भाई दूज की कथा : सूर्यदेव की पत्नी छाया की कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ। यमुना अपने भाई यमराज से स्नेहवश निवेदन करती थी कि वे उसके घर आकर भोजन करें। लेकिन यमराज व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे।

कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर अचानक यमराज को खड़ा देखकर हर्ष-विभोर हो गई। प्रसन्नचित्त हो भाई का स्वागत-सत्कार किया तथा भोजन करवाया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से वर माँगने को कहा।
ब बहन ने भाई से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका करके भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे। यमराज ‘तथास्तु’ कहकर यमपुरी चले गए।

ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं उन्हें तथा उनकी बहन को यम का भय नहीं रहता।

Leave a Reply