अमृतसर ट्रेन हादसा: 60 लोग कटकर मरे, ड्राइवर को 12 घंटे में ही मिली क्लीन चिट

अमृतसर ट्रेन हादसा बेहद दर्दनाक है. 10 से 12 सेकेंड के फासले में एक ट्रेन 100 की रफ्तार से दनदनाती हुई आई और रावणदहन देख रहे 60 लोगों को काटती हुई चली गई. इस घटना में प्रशासनिक लापरवाही के अलावा रेल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहा है. सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी भीड़ देखने के बावजूद लोको पॉयलट ने ट्रेन की रफ्तार कम क्यों नहीं की?

इन सवालों के बीच रेलवे ने रेल ड्राइवर को क्लीन चिट दे दिया है. फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार ने साफ-साफ कहा है कि लोको पॉयलट को ऐसे हालत में जो कदम उठाने चाहिए थे वो उन्होंने किया है. डीआरएम ने कहा कि जहां दुर्घटना हुई है वहां घुमावदार मोड़ है, लेकिन ट्रेन के इंजन से लाइट सीधी जा रही थी. आगे उन्होंने कहा कि जैसे ही ट्रेन ड्राइवर को लोग दिखाई दिये उन्होंने ट्रेन की स्पीड कम कर दी.

ट्रेन में स्पीड को रिकॉर्ड करने वाले एक यंत्र के मुताबिक घटना के वक्त ट्रेन की रफ्तार 91 किलोमीटर थी उसे घटा कर 68 किलोमीटर कर दिया गया. लेकिन ट्रेन में बैठे पैसेंजर की सुरक्षा की लिहाज से ट्रेन को रोका नहीं गया.

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डीआरएम ने विवेक कुमार ने कहा कि हादसे के थोड़ी दूर बाद ट्रेन की स्पीड़ कम होकर 7 से 8 किलोमीटर प्रति किलोमीटर कर दी गई. डीआरएम के मुताबिक इस दौरान ट्रेन पर पथराव होने लगा. तब गार्ड ने रेल ड्राइवर को बताया कि यहां ट्रेन रोकना यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है. इसलिए ड्राइवर ने वहां ट्रेन नहीं रोकी, और ट्रेन को सीधे अमृतसर ले आया गया. विवेक कुमार ने कहा कि ट्रेन ड्राइवर इस वक्त रेलवे की सुरक्षा में है. डीआरएम विवेक कुमार ने कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के भी उस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ट्रेन में हॉर्न ही नहीं है.

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