आपके मोबाइल फ़ोन में एक अनजान नंबर सेव है, जो आपने सेव किया ही नहीं था

एक सुबह आप उठें और पाएं कि आपके मोबाइल फ़ोन में एक अनजान नंबर सेव है, जो आपने सेव किया ही नहीं था. आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी?

बहुत से मोबाइल यूजर्स हैरान रह गए जब उन्होंने पाया कि उनके फ़ोन में UIDAI नाम से एक नंबर सेव है. यह नंबर है 1800-300-1947.

यह देखने से हेल्पलाइन नंबर लगता है. लेकिन आप इसे डायल करें तो कहीं घंटी नहीं जाती बल्कि आपको बताया जाता है कि यह नंबर उपलब्ध नहीं है.

यह नंबर कब से लोगों के फ़ोन में सेव था, इसका कोई पुख़्ता समय नहीं पता चल पाया है. लेकिन शुक्रवार को यह मुद्दा ट्विटर हैंडल एलियट एंडरसन @fs0c131y के ट्वीट से उठा.

इस हैंडल से यूआईडीएआई को संबोधित करते हुए पूछा गया कि ऐसा क्यों हो रहा है?

यह ट्विटर हैंडल पहले भी आधार के गोपनीयता के दावे पर सवाल उठाता रहा है.

अफ़वाहें , आशंकाएं और तथ्य

  • कुछ लोगों ने कहा कि यूआईडीएआई का यह कथित नंबर सिर्फ एंड्रॉयड फोन में सेव हो रहा है. लेकिन हमारे दफ़्तर में कई आईफोन यूजर्स के फ़ोन में भी यह नंबर सेव है.
  • कुछ ने कहा कि सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ यह नंबर सेव हो गया है. हालांकि बीबीसी से बातचीत में टेक एक्सपर्ट रितेश भाटिया कहते हैं कि ऐसा संभव नहीं लगता.
  • कुछ ने कहा कि ऐसा सिर्फ़ उनके साथ हो रहा है जिनके पास आधार कार्ड है. लेकिन ऐसा नहीं है. जिनके पास आधार नहीं है, उनके फ़ोन में भी यह नंबर सेव हो गया है. कई ऐसे भी हैं जिनके पास आधार है, लेकिन उनके फ़ोन में ये नंबर सेव नहीं हुआ है.
  • कुछ ने कहा कि दो साल से ज़्यादा पुराने फ़ोन के साथ ऐसा नहीं हो रहा, लेकिन हमने पाया कि यह बात भी पूरी तरह सच नहीं है.

आधार का स्पष्टीकरण , हमने नहीं किया

आधार के लिए पंजीकरण

लोगों ने शक ज़ाहिर किया था कि क्या सरकार के इशारे पर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां ऐसा कर रही हैं?

लेकिन आधार की संस्था यूआईडीएआई ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि उन्होंने किसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से ऐसा करने को नहीं कहा.

आधार ने अपने ट्विटर हैंडल से बयान जारी करते हुए लिखा है, “यूआईडीएआई के पुराने और अब अमान्य हो चुके टोल फ्री नंबर 1800-300-1947 के अपने आप एंड्रॉयड फ़ोन में सेव हो जाने के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि यूआईडीएआई ने किसी मैन्युफैक्चरर या सर्विस प्रोवाइडर को ऐसी सुविधा देने के लिए नहीं कहा है. यह नंबर भी वैध यूआईडीएआई टोल फ्री नंबर नहीं है और कुछ हितों के लिए जनता में नाजायज़ भ्रम फैलाया जा रहा है. हमारा वैध टोलफ्री नंबर 1947 है जो बीते दो से अधिक वर्षों से चल रहा है.”

यूआईडीआए ने अपने बयान में सिर्फ़ एंड्रॉयड फ़ोन का ज़िक्र किया है, जबकि ऐसा ऐपल फोन के साथ भी हो रहा है.

बहुत सारे लोग इसे हैकिंग और निजता के हनन के तौर पर भी देख रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने ट्विटर पर लिखा है, “अगर ये बात सही है तो इसका मतलब है कि एजेंसियां आपको बताए बिना आपके फ़ोन में कुछ भी पुश कर सकती हैं और कुछ भी निकाल सकती हैं.”

आतिश बोस नाम के यूज़र ने वोडाफोन का जिक्र करते हुए पूछा है कि यह नंबर उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में कैसे आया? इस पर वोडाफ़ोन ने जवाब दिया है, “हम अपने ग्राहक की जानकारी सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं और हम सारे नियमों का पालन करते हैं. आप अपनी चिंता प्राइवेसी ऑफिसर से privacyofficer@vodafone.com पर साझा कर सकते हैं.”

संभावित कारण

आधार

मुंबई में रहने वाले तकनीकी एक्सपर्ट रितेश भाटिया ने बताया है कि वह भी अभी तक इसकी गुत्थी पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं.

उन्होंने कहा कि एक संभावना यही लगती है कि यह काम मोबाइल ऑपरेटर्स की ओर से किया गया होगा. उन्होंने कहा, “आप जब सिम ख़रीदते हैं तो आपने देखा होगा कि पहले से कुछ कॉन्टैक्ट सेव होते हैं, जिसमें कस्टमर केयर से लेकर, एंबुलेंस और पित्ज़ा ऑर्डर करने तक के नंबर होते हैं.”

रितेश ने कहा, “पहले हम यह सोच रहे थे कि कहीं यूआईडीएआई की कोई एप्लिकेशन डाउनलोड करने की वजह से तो ऐसा नहीं हो रहा? लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि बिना एप्लिकेशन डाउनलोड किए भी वह नंबर लोगों के फ़ोन में सेव हो गया है.”

रितेश भाटिया का कहना है कि ऐसा नहीं लगता कि फ़ोन के सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ यह नंबर सेव हो गया हो.

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