देश मे आम चुनाव सर पर है ऐसे में सभी दलों के प्रत्याशियो अपने आप को जमीन से जुड़ा हुआ आम आदमी बताने की होड़ में नित नए उद्दम करते नजर आ रहे है , कुछ लोग दलित मलीन बस्ती में खाना पीना करके , कुछ घंटे गुजारकर सोसल मीडिया अपनी फोटो चिपका रहें है तो कुछ खेत खलियान नदी तालाबो नांव जहाज़ मे राजनीतिक स्टंटबाजियां करते नज़र आ रहे है , नेता नगरी में मंदिर मस्जिद एक करना , जनेऊ टोपी धारण करना और देशी लुक के साथ देशी ठेठ व्यवहार करने की कोशिश करते ये एयर कंडीशनर वाले नेता जी कई बार इन हरकतों के कारण खुद का मजाक भी बना ले रहे है , हमारी चुनावी यात्रा के दौरान इन कलाकार नेताओं के बीच मध्यप्रदेश से एक सांसद ऐसा भी मिला जिसकी जीवनचर्या में ये सारी गतिविधिया कई सांलो से घट रही है वो आम आदमी की ज़िंदगी के पूरे मजे ले रहा है हम बात कर रहे मण्डला लोकसभा से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की जो अपने मस्त मौला रवैय्ये और अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते है , देश की सबसे अधिक विषमता वाली मण्डला सीट जिसमे 2500 बूथ है , और फग्गन सिंह अपनी सक्रियता के चलते अपने हर बूथ तक पहुंच पाने इकलौते सांसद रहे है , क्षेत्र के लोगो कहना है कि मण्डला लोकसभा क्षेत्र के सभी इलाको में सूरज और चंद्रमा के बाद फग्गनसिंह ही अकेले शख्स है जो कही भी किसी भी वक्त नजर आ सकते है , राजनीति में यदि सहजता और सरलता की बात करें तो फग्गन सिंह उन तथाकथित नेताओं के लिए आदर्श हो सकती है जिनकी आम आदमीपंथी सिर्फ फोटो खिंचाने तक सीमित है , पेशे से किसान फग्गन सिंह न सिर्फ हल चलाने में पारंगत है बल्कि उनके द्वारा संचालित स्कूल में शिक्षक बनके पढ़ा लेने भी , और सरलता इतनी की कोई भी कभी भी कही भी मिलले , कोई रोक टोक नही होती है , और तो और आग्रह के इतने कमजोर लोगो को ‘ न ‘नही कह पाते , नाम उजागर न करने की शर्त में एक भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि यदि कुलस्ते जी का कोई कार्यक्रम शाम का तय करना होता है तो उन्हें दोपहर का समय दिया जाता है क्योंकि जब फग्गनसिंह अपने गृह ग्राम से निकलते है तो रास्ते पर कोई उन्हें कब रोक ले , घर मे बना सत्तू , दाल दलिया , पेज – छाछ पिला दे कोई गारंटी भला नही होती , वे किसके घर मे खाना खा रहे है और क्या खा रहे है इसकी फोटो डालने की न वो जरूरत समझते न कोई और , फग्गनसिंह की गाड़ी प्रतिदिन 20 घंटे चलती है , गाड़ी के दो ड्राइवर है जो एक एक दिन गाड़ी चलाते है क्षेत्र में शादी के सीजन में कुलस्ते जी जयमाला से बिदाई के बीच रात में किसी समय दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देने पहुंच सकते है , 400 किलोमीटर तक फैले लम्बे लोकसभा क्षेत्र में फग्गन सिंह की कुछ पसंदीदा नुक्कड़ दुकाने है जहाँ के समोसे , जलेबी , चाट , भजिये और मंगोड़े के बहाने वहाँ खड़े रहकर आम लोगों की नब्ज टटोलते रहते है , फग्गनसिंह बीजेपी के सीनियर नेताओ की श्रेणी में आने वाले सबसे लो प्रोफाईल के नेता है , उनके करीबी होने का दावा करने वाले कुछ लोगो ने बताया कि मोदी सरकार में मंत्री रहे फग्गन सिंह मंत्री होते हुए भी दिल्ली से ज्यादा क्षेत्र में समय दिया करते थे , उनके समर्थकों से ठसाठस भारी उनकी कार सदैव ये बात बताती है कि फग्गनसिंह ने किसी को न कहना नही सीखा ,जनता से जब फग्गनसिंह के बारे में पूछा गया तो वो उन्हें उनके इसी स्वभाव के कारण पसन्द भी करती है , सभी लोगो की बाते ध्यानपूर्वक सुन्ना , नकारात्मक बातों को भी मुस्कुराकर टाल देना और सभी के प्रति समान व्यवहार रखना , ईर्ष्या द्वेष और दुश्मनी के भाव से एकदम परे रहकर राजनीति में बना रहना फग्गनसिंह कुलस्ते को नेता कमाल के बनाती है उनका ये स्वभाव से कमसे उन छुटभैय्यू नेताओ को तो सबक ले ही लेना चाहिए जो छोटे मोटे पदो को पाकर उतराने लगते है , बहरहाल इस क्षेत्र में विकास की बात करें तो पिछले 5 वर्षों में शिक्षा सड़क , रेलवे और सिंचाईं के साधनो में अभूतपूर्व वृद्धि है लेकिन रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मण्डला लोकसभा विकास की बांट जोह रहे है ,,पलायन की समस्या सबसे ज्यादा गांवों की दम तोड़ रही है , नर्मदा से सिंचित होने के बावजूद कृषि में उन्नति देखने नही मिल रही , बहरहाल फग्गनसिंह के विरोधी भी उनकी सरलता के कायल है उनका कहना है यदि अच्छे नही तो बुरे भी नही है , जिन नए कार्यकर्ताओ के लिए बड़े नेता तक पहुंच पाना बड़ा कठिन होता था उनके लिए फग्गन सिंह की सदैव उपलब्धता के कारण युवाओं की बड़ी फ़ौज़ कुलस्ते के साथ नजर आती है ,आज कांग्रेस पार्टी भी उनके खिलाफ प्रत्याशी उतारने मे काफी सोच विचार कर रही है ,