भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव समेत 9 लोगों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मुरलीधर राव खुद पर लगे आरोपों से इनकार कर रहे हैं. उन पर रक्षा मंत्री के फर्जी साइन करने का आरोप है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव समेत सभी 9 आरोपियों के खिलाफ तेलंगाना में रचाकोंडा के थाना सरूरनगर में 25 मार्च को एफआईआर संख्या- 214/2019 दर्ज की गई. जिसमें आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420, 468, 471, 506 r/w 120b और सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस मामले की शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना रेड्डी हैं. तल्ला प्रवरना ने बीजेपी महासचिव पी मुरलीधर राव के अतिरिक्त ए कृष्णा किशोर, ईश्वर रेड्डी, मंदा रामचंद्र रेड्डी, गजुला हनुमंता राव, सामा चन्द्रशेखर रेड्डी, बाबा, श्रीकांत, जी श्रीनिवास को नामजद कराया है.
आरोप है कि मुरलीधर राव और उनके साथियों ने शिकायतकर्ता महिला को केंद्र सरकार में बड़ा पद दिलाने का वादा करके दो करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की. बीजेपी नेता मुरलीधर राव पर आरोप है कि उन्होंने कुछ दस्तावेजों पर केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के फर्जी हस्ताक्षर भी किए थे.
थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना रेड्डी और उनके पति महिपाल रेड्डी की मुलाकात ईश्वर रेड्डी से हुई थी. जिसने अपने आपको एक पत्रकार बताया था. उसने खुद को भारतीय जनता पार्टी के कई प्रमुख नेताओं का करीबी बताया था.
बात नवंबर 2015 की है, जब ईश्वर रेड्डी ने शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना और उनके पति महिपाल से संपर्क किया. उसने रेड्डी दंपति को बताया कि वह ए. कृष्ण किशोर को अच्छी तरह से जानता है. जो बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव का खास आदमी है. उसने दोनों को बताया कि ए. कृष्ण किशोर उन्हें केंद्र सरकार में किसी भी विभाग में नामित पद दिलाने में सक्षम है. लेकिन उसके लिए उन्हें बड़ी रकम खर्च करनी होगी.
कुछ समय बाद ईश्वर रेड्डी, ए. कृष्ण किशोर और मंदा रामचंद्र रेड्डी ने मिलकर रेड्डी दंपति से फिर संपर्क किया कहा कि वे उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के तहत आने वाले फ़ार्मा एक्सिल का मनोनीत सदस्य बनवा देंगे. इसी दौरान उन लोगों ने रेड्डी दंपति को मंदा रामचंद्र रेड्डी के एक नियुक्ति पत्र की कॉपी भी दिखाई, जो भारत सरकार के एक अवर सचिव द्वारा जारी की गई थी.
ए. कृष्ण किशोर, ईश्वर रेड्डी और मंदा रामचंद्र रेड्डी ने मिलकर तल्ला प्रवरना रेड्डी और उनके पति महिपाल रेड्डी की ईमेल आईडी और प्रोफाइल बनाई. इसके बाद बीजेपी महासचिव मुरलीधर राव के सहयोगी के रूप में ए. कृष्ण किशोर, ईश्वर रेड्डी, मंदा रामचंद्र रेड्डी, सामा चन्द्रशेखर रेड्डी, बाबा, श्रीकांत ने शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना और उनके पति महिपाल को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामण द्वारा साइन किया गया एक पत्र दिखाया और कहा कि महिपाल रेड्डी को फ़ार्मा एक्सिल के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाएगा. इसी के नाम पर उन लोगों ने रेड्डी दंपति से 2 करोड़ 17 लाख की बड़ी रकम ले ली.
इसके बाद शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना और उनके पति महिपाल ए. कृष्ण किशोर, ईश्वर रेड्डी और मंदा रामचंद्र रेड्डी के पास पहुंचे और नियुक्ति के बारे में पूछा लेकिन तीनों एक या दूसरे पर बात टाल कर बहाने बनाने लगे. कई बार रेड्डी दंपति ने उन लोगों से पैसा वापस करने का अनुरोध किया. लेकिन उन लोगों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला. और बाद में बीजेपी नेता मुरलीधर राव ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया.
ए. कृष्ण किशोर, मंदा रामचंद्र रेड्डी और मुरलीधर राव ने इस मामले को निपटाने के लिए भाजपा नेता गजुला हनुमंता राव को बीच में डाला. गजुला हनुमंता राव ने शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना रेड्डी और उनके पति महिपाल रेड्डी से संपर्क किया और उनसे वादा किया कि वह देखेंगे कि उनका पैसा जल्द वापस मिल जाए.
बाद में ए. कृष्ण किशोर ने 26 जुलाई 2016 को लिखित में पैसा लौटाने का वादा किया. उसने एम.राजू के नाम से एक चेक जारी कर वादा किया कि वह 10 अगस्त 2016 को शिकायतकर्ता रेड्डी दंपति को 2 करोड़ 5 लाख रुपये का भुगतान कर वो चेक वापस ले लेगा, लेकिन वह अपने वादा को पूरा करने में नाकाम रहा.
24 अगस्त 2016 को ये पूरा मामला मीडिया में आ गया. सितंबर 2016 के दूसरे सप्ताह में शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना रेड्डी और उनके पति महिपाल रेड्डी को दिल्ली पुलिस ने तलब किया.
दिल्ली पुलिस ने उन्हें बताया कि ए.कृष्णा किशोर और मंदा रामचंद्र रेड्डी के खिलाफ केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारामण के जाली हस्ताक्षर करने की शिकायत मिली है. जिसमें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, नई दिल्ली के नाम पर एक कथित पत्र लिखने का मामला सामने आया है. इस संबंध में क्राइम ब्रांच ने ए. कृष्ण किशोर से पूछताछ की. जहां उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि कैसे उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर झूठा वादा करके शिकायतकर्ता तल्ला प्रवरना रेड्डी और उनके पति महिपाल रेड्डी से 2 करोड़ 10 लाख रुपये की बड़ी रकम वसूली थी.