हरियाली अमावस्या :सावन, शनिवार आैर हरियाली अमावस्या का अदभुद संयोग

सावन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं। इस बार 11 अगस्त को शनिवार के दिन ये पर्व मनाया जायेगा जो अत्यंत शुभ संयोग है

शनिवार के दिन हरियाली अमावस्या 2018 पड़ रही है। इसीलिए इसे शनिचरी हरियाली अमावस्या कहा जा रहा है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं आैर शाम को पार्क आदि में उसका पारण करते हैं। एेसी मान्यता है कि इस दिन पौधे लगाना शुभ होता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। इसे श्राद्घ की अमावस्या भी कहते हैं आैर उससे संबंधित कार्य भी किए जाते हैं। शनिचरी अमावस्या को पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाये जाते हैं आैर मालपुए का भोग भी लगाया जाता है।

शनिचरी हरियाली अमावस्या इन पौधों का रोपण भी होता है उत्तम 

जैसा कि बताया गया है कि शनिचरी अमावस्या पर पौधों का सर्वाधिक महत्व होता है, तो इस दिन कुछ विशेष पौधे लगाने से अनेक लाभ हो सकते हैं। वैसे भी वृक्षों में देवताआें का वास माना जाता है। जैसे शास्त्रानुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है, इसीलिए उसकी पूजा का सबसे ज्यादा महत्व होता है। मान्यता है कि धन प्राप्ति के लिए इस दिन तुलसी, आंवला, केला, बेल के वृक्ष लगाएं। सौभाग्य के लिए अशोक, अर्जुन, नारियल, बरगद का वृक्ष लगाएं। संतान के लिए पीपल, नीम, बेल, नागकेशर, गुड़हल, अश्वगन्धा लगाएं। सुख समुद्घि आैर बुद्घि के लिए शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी आैर तुलसी का पौधा लगाना चाहिए।

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