इजराइल में वोटिंग आज, क्या PM मोदी के दोस्त नेतन्याहू फिर से बनेंगे इजराइल के PM?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 69वें जन्मदिन के दिन आज मंगलवार को इजरायल में आम चुनाव हो रहे हैं और देश की जनता अपने नए प्रधानमंत्री के चयन के लिए आम चुनाव के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रही है. इजराइल में 6 महीने के अंदर दूसरी बार आम चुनाव हो रहे हैं.

यह मतदान तब हो रहा है जब अप्रैल में हुए चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गठबंधन सरकार बनाने में नाकाम रहे थे. बेंजामिन नेतन्याहू अगर इस बार फिर जीत हासिल कर लेते हैं तो वो रिकॉर्ड पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनेंगे.

दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी का नेतृत्व करने वाले बेंजामिन नेतन्याहू के सामने पूर्व सैन्य प्रमुख बेनी गैंट्ज बड़ी चुनौती के रूप में मैदान में हैं. गैंट्ज ने इजरायल के पूर्व वित्त मंत्री और टीवी पर्सनालिटी यैर लापिड के साथ सेंट्रिस्ट ब्लू एंड वाइट गठबंधन का नेतृत्व किया.

6 महीने में सरकार बनाने का दूसरा मौका

इस साल 9 अप्रैल को हुए आम चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने 120 में से 36 सीटों पर कब्जा किया. जो बेनी गैंट्ज की ब्लू एंड वाइट पार्टी से एक अधिक थी. नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए जनादेश तो मिला, लेकिन गठबंधन की सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाई और उन्होंने मई में संसद को भंग करा दिया.

अब आज हो रहे चुनाव में पार्टियों के सामने सरकार बनाने का दूसरा मौका रहेगा. इजरायल के एक राजनीतिक विश्लेषक के मुताबिक, इस बार भी कुछ ज्यादा बदलने वाला नहीं है. माना जा रहा है कि नतीजे अप्रैल में हुए चुनाव की तरह ही होंगे. इजरायल के स्थानीय मीडिया ने दो हफ्ते पहले 2 पोल सर्वे किए थे. इसके मुताबिक, लिकुड पार्टी को 32 सीट मिल रही हैं जो ब्लू और वाइट से सिर्फ एक ज्यादा है.

इजरायल में कभी भी कोई एक पार्टी अकेले अपने दम पर सरकार बनाने में सफल नहीं रही है. यहां पर गठबंधन की सरकार बनाना आम बात है. सर्वाधिक सीटें जीतने वाली पार्टी के नेता को आमतौर पर नई सरकार बनाने के लिए इजरायल के राष्ट्रपति निमंत्रण देते हैं. अगर कोई नेता 61 सीटें हासिल करने के लिए पार्टियों को एक साथ लाने में असफल रहता है तो ऐसे में राष्ट्रपति किसी और मौका देते हैं. इस वजह से पार्टी का नेता जो चुनाव जीता हो जरूरी नहीं है कि वही प्रधानमंत्री बनेगा.

बिल्डिंग के बाहर बैनर

वहीं इजरायल के चुनाव पर भारत की भी नजर है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बेंजामिन नेतन्याहू के फिर से पीएम बनने की कामना करती होगी क्योंकि नेतन्याहू फिर से पीएम बनते हैं तो रिश्तों को नए सिरे से बनाने की जरूरत नहीं होगी.

दोनों शीर्ष नेताओं (पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू) की दोस्ती जगजाहिर है. दोनों देशों के संबंध बहुत अच्छे हैं. दोनों देशों के हालिया वर्षों में आर्थिक, सैन्य, सामरिक संबंध बहुत ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने 2019 लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, तब वैश्विक नेताओं में सबसे पहले बेंजामिन नेतन्याहू ने ही उन्हें बधाई दी थी.

इस बीच कुछ समय पहले इजरायल में आम चुनावों के बीच एक बैनर भी खूब वायरल हुआ. विशालकाय बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू साथ दिख रहे थे. इजरायल के पत्रकार अमीचाई स्टेन ने इस बैनर की तस्वीर पोस्ट की थी. यह बैनर एक बिल्डिंग के बाहर लगा था.

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