सियासत के ‘जादूगर’ साबित हुए अशोक गहलोत, नतीजों में सत्ताधारी कांग्रेस ने बीजेपी को बहुत पीछे छोड़ा

शहरी निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को चित्त कर दिया है, शहरी निकायों में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. शहरी निकाय चुनावों के इन नतीजों (Rajasthan Election Result 2019) ने गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) सरकार के 11 महीने के कामकाज पर जनता ने मुहर लगा दी है. राम मंदिर, धारा 370 से लेकर भाजपा के तमाम राष्ट्रीय मुद्दे इन चुनावों में काम नहीं आए और कांग्रेस बाजी मार ले गई. इसी के साथ शहरी निकायों के चुनावों में कांग्रेस की जीत ने कई सियासी मिथक तोड़ दिए हैं. इन नतीजों ने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत को सियासत का जादूगर साबित कर दिया है.

इन नतीजों के बाद गहलोत ने न केवल सरकार बल्कि पार्टी और जनता के बीच भी अपनी पकड़ साबित की है. इससे य​ह साफ हो गया है कि शहरी जनता के बीच सीएम गहलोत अपनी पकड़ बनाने में सफल हो गए हैं. 11 महीने पुरानी गहलोत सरकार के कामकाज पर जनता का इसे मेन्डेंट माना जा रहा है, सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले मिली इस जीत ने सीएम गहलोत का कद भी काफी बढ़ा दिया है. इस जीत से गहलोत पार्टी और हाईकमान दोनों के सामने और मजबूत होकर उभरे हैं.

ईडब्ल्यूएस आरक्षण में संपत्ति का प्रावधान हटाना भी एक वजह!
शहरी निकायों में मिली इस जीत के पीछे ईडब्ल्यूएस आरक्षण में संपत्ति का प्रावधान हटाना भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है. सीएम अशोक गहलोत का ईडब्ल्यूएस आरक्षण से संपत्ति का प्रावधान हटाने का फैसला मास्टर स्ट्रॉक के साथ साथ चुनाव के लिहाज से गेमचेंजर भी साबित हुआ. गहलोत के इस फैसले ने सामान्य वर्ग के युवाओं को कांग्रेस की तरफ मोड़ दिया और युवाओं ने जमकर कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया.

11 महीने के कार्यकाल पर जनता की मुहर! 
शहरी निकाय के नतीजों में कांग्रेस की जीत बहुत कुछ कहती है, इस जीत ने सीएम अशोक गहलोत का कद तो बढ़ाया ही है, कांग्रेस सरकार के 11 महीने के कार्यकाल पर भी इसे जनता की मुहर के तौर पर देखा जाएगा. सीएम गहलोत राजनीतिक रूप से और अधिक मजबूत होकर उभरे हैं. कांग्रेस के अंदरूनी सत्ता समीकरणों में यह जीत बहुत मायने रखने वाली है.

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