उपचुनावों के मद्देनजर भाजपा उलझी,सिंधिया के घोर विरोधी रहे भाजपा नेताओं की बैठकों का दौर जारी।

एमपी के 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। ग्वालियर-चंबल संभाग में भी राजनैतिक तापमान बढ़ने लगा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री ज्योतिर्रादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद अब ‘पार्टी विद डिफरेंस’ में ही अंदरुनी रार छिड़ने की आशंका बलवती होती जा रही है। सिंधिया के धुर विरोधी भाजपाई अपने राजनैतिक भविष्य को लेकर बेचैन हैं तो सिंधिया समर्थक पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर उहापोह में है।

उपचुनाव में टिकट को लेकर भी दोनों पक्ष अपने अपने लोगों को प्रत्याशी बनाने के लिए राजनीति पासा फेंकने लगे हैं। शुक्रवार को ‘महाराज’ के घोर विरोधियों की बंद कमरे की मीटिंग ने इस रार के बढ़ने की बिगुल फूंकना माना जा रहा।

दरअसल, ग्वालियर-चंबल संभाग की खाली सीटों पर उपचुनाव को लेकर सभी दल प्रत्याशी चयन की कवायद शुरू कर दिए हैं। भाजपाई हुए कद्दावर नेता ज्योतिरार्दित्य सिंधिया के समर्थकों को यह उम्मीद है कि उनके प्रभाव क्षेत्र वाले ग्वालियर-चंबल संभाग में उनके साथ आए सभी पूर्व विधायकों को भाजपा प्रत्याशी बनाएगी। उधर, भाजपा में ही सिंधिया का धुर विरोधी गुट इस वजह से अपने राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहा है। विरोधी गुट को आशंका है कि अगर ‘महाराज’ के समर्थकों को टिकट मिल गया तो वह कहां जाएंगे। उनका और उनके लोगों का स्थानीय स्तर पर वर्चस्व कम हो जाएगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उपचुनाव के पहले भाजपा को अपनी अंदरुनी कलह से निपटना बहुत बड़ी समस्या साबित हो सकती है।

सिंधिया के भाजपा में आते छिड़ी रार, उपचुनाव से पहले घोर विरोधियों की बंद कमरे में बैठक!

बता दें कि शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिर्रादित्य सिंधिया के विरोधी माने जाने वाले पूर्व मंत्री/गुना जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री जयभान सिंह पवैया, सिंधिया को हराने वाले गुना-शिवपुरी क्षेत्र के सांसद डाॅ.केपी सिंह यादव, कोलारस से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने गुना-शिवपुरी सीमा के पास एक जगह गोपनीय बैठक की। इस गोपनीय बैैठक की भनक लगते ही राजधानी तक का सियासी पारा चढ़ने लगा है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बैठक में उपचुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई। साथ ही कांग्रेस के शासनकाल में सिंधिया समर्थक रहे अधिकारियों की तैनाती अभी भी रहने और उसकी वजह से उन लोगों के राजनैतिक प्रभाव के बारे में मंथन किया गया।

गुना सांसद डाॅ.केपी सिंह यादव

पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया सिंधिया के घोर विरोधी माने जाते हैं। वह गुना के प्रभारी मंत्री रह चुके हैं। सांसद डाॅ.केपी सिंह यादव अभी बीते लोकसभा चुनाव में ही अजेय माने जाने वाले सिंधिया को भाजपा के टिकट पर हराकर पूरे देश की निगाहें अपनी ओर खींचने को मजबूर कर दिए थे। कभी सिंधिया के खास में शुमार यादव की पूरी राजनीति ही सिंधिया के विरोध से उभरी। भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी भी कभी सिंधिया के ही समर्थक माने जाते थे।

लेकिन विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने रघुवंशी का टिकट काटकर पूर्व विधायक रामसिंह यादव के बेटे को दे दिया था। माना जाता है कि सिंधिया ने ही रघुवंशी का टिकट कटवाया। इससे नाराज होकर रघुवंशी ने भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए रघुवंशी को टिकट दे दिया और वह कोलारस से विधायक हो गए।

भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी, कभी सिंधिया के रहे खास

बताया जा रहा है कि भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया शुक्रवार को भोपाल से वाहन द्वारा ग्लालियर जा रहे थे। भोपाल से निकलने से पहले पवैया और सांसद डाॅ. केपी यादव की उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि दोनों ने गुना-अशोकनगर और शिवपुरी की पांच विधानसभा सीटों पर चर्चा की। इसके बाद दोनों ने तय किया कि बैैठकर किसी दूसरी जगह इस पर बात किया जाए।

म्याना में हुई इस मुलाकात के बाद दोनों एक वाहन से गुना-शिवपुरी बार्डर पर पहुंचे। यहां पहले से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी मौजूद थे। फिर तीनों एक बंद कमरे में बैैठक करने लगे। बैठक में भाजपाई हुए सिंधिया के पसंद के अधिकारियों की तैनाती पर चिंता जताई। इनका मानना था कि चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस मानसिकता वाले अधिकारियों को चुनावी जिलों से हटवाना पड़ेगा। इन लोगों ने टिकट को लेकर भी चर्चा की।

बजरंग दल के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व मंत्री जयभान पवैया

पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के अनुसार दोनों नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर पीड़ा व्यक्त की है। उस पीड़ा से जल्द मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को अवगत कराऊंगा। पूर्व मंत्री ने गुना से ग्वालियर जाते समय ‘पत्रिका’ से बातचीत की। पूर्व मंत्री पवैया ने कहा कि उपचुनाव में जनता भाजपा को जीताना चाहती है। इस उपचुनाव में भाजपा हाईकमान सोच-समझकर चुनाव मैदान में जीतने वाले उम्मीदवार को ही उतारेगी। उम्मीदवार वही होगा जिनका पार्टी के प्रति विश्वास होगा

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताओं के नाम न लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रति चल रही इस लहर पर उन नेताओं के पुराने कर्म भारी न पड़ जाएं। भाजपा का कैडर है, जो नेता अभी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं उनको अभी घुलने-मिलने में समय लगेगा। अब भाजपा का कार्यकर्ता पालकी ढोने वाले कहार की मुद्रा में नहीं हैं।

राम मंदिर के मुद्दे पर बयान देते हुए बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पवैया ने कहा कि कांग्रेस के वो नेता जो राम मंदिर को लेकर अनर्गल टिप्पणी करते थे, उनको अब शर्मिन्दा होकर सत्य को स्वीकारना चाहिए। राम जन्म भूमि स्थल पर खनन में त्रेता कालीन अवशेष मिले। भगवान राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाले विरोधियों का मुंह काला हुआ है। इसी तरह प्रवासी मजदूरों को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के बयान को निन्दनीय बताया।

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