शिवसेना का सवाल- ‘जब और एयरलाइंस चलती रह सकती हैं तो एयर इंडिया क्यों नहीं?’

शिवसेना ने एयर इंडिया को 100% बिक्री के लिए खोलने पर मोदी सरकार के खिलाफ निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा है कि एयर इंडिया को एक वक्त में भारत का गौरव माना जाता था, इसे महाराजा कहा जाता था, लेकिन बीते दो दशक से कर्ज के अंबार ने इसे दबा दिया.

सामना के लेख में कहा गया कि ‘कर्ज कई हजार करोड़ तक पहुंच चुका है. पहले उनका प्लान एयर इंडिया का 70% से 80%  हिस्सा निजीकरण करने का था लेकिन अब पूरा एयर इंडिया ही बिक्री के लिए उपलब्ध है. सरकार उम्मीद कर रही है कि ये प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी हो जाएगी.’

शिवसेना ने सवाल किया है कि ‘जब दूसरी एयरलाइंस चलती रह सकती है तो एयर इंडिया क्यों नहीं? क्यों सरकार एयर इंडिया जैसी कंपनी को समुचित ढंग से नहीं चला पाई. ऐसी स्थिति आने पर क्या निजीकरण ही एक मात्र रास्ता रह जाता है?’

सामना के लेख में एयर इंडिया के हज़ारों कर्मचारियों के भविष्य के बारे में पूछा गया है. शिवसेना ने कहा है ‘एयर इंडिया की बिक्री का उन पर असर नहीं पड़ना चाहिए. हर कोई जानता है कि जेट एयरवेज के साथ क्या हुआ. ये एयर इंडिया के साथ नहीं होना चाहिए. ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग बेरोजगार नहीं हों. अगर एयर इंडिया को पूरी तरह बेच भी दिया जाए तो भी ये गौरव रहेगा और हमेशा याद किया जाएगा.’



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