धोखे के निशान मिटाना आसान नहींं – उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में शिवसेना के अपने गुट की रैली को संबोधित कर रहे हैं.

विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा है कि इस तरह की भीड़ का जुटना दुर्लभ और ऐतिहासिक है.

उद्धव ठाकरे ने उपस्थित लोगों से कहा है कि उनका आभार प्रकट करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं.

उद्धव ठाकरे ने कहा, “ये दशहरा रैली दुर्लभ है. इस तरह के प्यार को पैसों से नहीं ख़रीदा जा सकता है. वो लोग धोखेबाज़ हैं. हां, एकनाथ शिंदे और उनके कैंप में शामिल लोग धोखेबाज़ हैं. यहां एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे पैसों से लाया गया है. यही ठाकरे परिवार की विरासत है.”

उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन लोगों को मैंने ज़िम्मेदारी दी थी वो साजिश रच रहे थे. ऐसा फिर से नहीं होगा, लेकिन वो भूल गए कि मैं सिर्फ़ उद्धव ठाकरे नहीं हूं, मैं उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं.

उद्धव ठाकरे ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि परंपरा के तहत आज रावण का दहन होगा. लेकिन अब रावण भी बदल गया है. अब रावण के दस सर नहीं है बल्कि उसके पास 50 बक्से हैं, वो खोखासुर है जो बहुत ख़तरनाक है.

‘धोखे के निशान मिटाना आसान नहीं’

ठाकरे ने कहा कि अगर एक धोखेबाज़ अपने धोखे के नामों निशान मिटाना भी चाहे तो वो नहीं मिटते, वो उसके माथे पर चिपके रहते हैं.

ठाकरे ने रैली में शामिल लोगों की भारी संख्या की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि आज की रैली में भीड़ को देखकर बहुत से लोग हैरान होंगे, वो सोच रहे होंगे कि अब धोखेबाज़ों का क्या होगा.

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