
राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हाई कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी के नोटिस पर स्टे लगा दिया. इस नोटिस और विधानसभा का सत्र बुलाकर सीएम अशोक गहलोत बागी विधायकों पर दबाव बनाना चाहते थे. अब सुप्रीम कोर्ट के पाले में गेंद है और सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार से विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी की थी. इस सत्र के दौरान सचिन पायलट समेत बागी 19 विधायकों पर दबाव बनाया जाता. अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद सीएम अशोक गहलोत के सामने विधानसभा सत्र बुलाने पर संकट के बाद मंडरा रहे हैं.
पायलट गुट को फौरी राहत
हाई कोर्ट में स्पीकर सीपी जोशी के वकील प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि सचिन पायलट के लिए यह फौरी राहत है. हाई कोर्ट ने 14 तारीख को जारी किए गए नोटिस पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. बागियों की अयोग्यता पर स्पीकर फैसला कर सकते हैं.
राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के मायने
1. स्पीकर के नोटिस पर हाई कोर्ट का स्टे
2. सचिन पायलट की याचिका को सही माना गया
3. आगे की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी
4. सदस्यता रद्द करने का मसला स्पीकर पर छोड़ा
5. सुप्रीम कोर्ट में केस इसलिए यथास्थिति का आदेश
क्या है हाई कोर्ट का आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट से पायलट गुट को एक बार फिर राहत मिली है. हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के उस नोटिस पर स्टे लगा दिया है, जिसमें बागी विधायकों पर अयोग्य करार होने का खतरा बरकरार था. हालांकि, अभी ये अंतिम फैसला नहीं है. इसके साथ ही केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की अर्जी मंजूर कर ली गई है.