हार के मीडिया के सामने इस्तीफा देना चाहते थे राहुल गांधी, सोनिया के समझाने के बाद रुके

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को लगातार दूसरे चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. हार से निराश कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को ही नतीजों के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफा देना चाहते थे. लेकिन यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के द्वारा समझाने के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया. राहुल गांधी की अगुवाई में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस इस बार सिर्फ 52 सीटों पर सिमट गई. राहुल के इस्तीफे की पूरी कहानी समझें…

दरअसल, गुरुवार को जैसे ही नतीजे सामने आए और ये साफ हो गया कि फिर एक बार मोदी सरकार बनने जा रही है. तो राहुल गांधी ने अपनी मां और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को फोन किया और कहा कि मुझे लगता है उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. राहुल गांधी मीडिया से बात करते वक्त यानी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही इस्तीफा देना चाहते थे.

लेकिन सोनिया गांधी ने उनसे कहा कि वह बाद में उन्हें फोन करेंगी. जिसके बाद सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ लोगों से फोन पर बात की और उनसे राय ली. जिसके बाद तय हुआ कि राहुल गांधी अगर मीडिया के सामने इस्तीफा देते हैं, तो गलत संदेश जाएगा.

अगर अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात करनी है तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी में करें. ये बैठक 25 मई को दिल्ली में होनी है. गुरुवार को ही फिर सोनिया गांधी और अहमद पटेल ने राहुल गांधी से बात की, तुरंत प्रियंका गांधी को भी राहुल के घर भेजा गया. और ये तय किया गया कि राहुल के इस्तीफे पर बैठक में ही मंथन होगा.

यही कारण रहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रियंका गांधी और अहमद पटेल दोनों ही मौजूद थे.

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने लगातार दूसरी बार अपने इतिहास की सबसे बुरी हार झेली है. 2014 में कांग्रेस 44 सीटें ही ला पाई थी, तो इस बार सिर्फ 52 पर ही पहुंच पाई है. यूपीए का गठबंधन भी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर सका.

सिर्फ इतना ही नहीं, गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी लोकसभा सीट पर भी राहुल गांधी की हार हुई. उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी ने मात दी. गुरुवार को नतीजों के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हार स्वीकार की, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई दी.

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