जब स्मार्ट सिटी में Osho Trail को मान्यता देते हुए अपनी ऑफिशल वेबसाइट में जगह दी थी

आचार्य रजनीश #Osho एक ऐसे गुरु जो स्वयं यह कहते रहे कि

“गुरु तो तट है अगर तुमने जीवन लहर से निकलकर तट को भी पकड़े रखा तो आगे कैसे बढ़ सकोगे ?”

ओशो को जानने वाला यह समझता है कि आज वो सामने होते तो क्या कह रहे होते, वो जानता है हर वक़्त उसके मुख से ओशो के ही सिद्धांत प्रखर हो रहें हैं, ऐसी बात जो बेबाक हैं, निडर हैं, सबके लिए न्यायपूर्ण हैं। बहुत से मित्र जानना चाहते है क्या है #ओशो_ट्रेल

ओशो को जिसने सुना है, जिसने जाना है वो समझता है कि ओशो ज्ञान के एक विशाल सागर हैं जिसमें जीवन रहस्य को जान लेने और समझ लेने कि कई और सम्भावनाएं हैं । किसी व्यक्ति के समक्ष की परिस्तिथियां जैसे उसका पारिवारिक, आर्थिक समाजिक़, भौगोलिक वातावरण और विशेष रूप से शिक्षा एवं उस व्यक्ति का अंतर्ज्ञान से ही उसके व्यक्तित्व का निर्माण होता है ।

मित्रों ओशो महोत्सव के विषय में तो आपको जानकारी है ही जोकि मध्य प्रदेश सरकार की सहायता से 11-12-13 को आयोजित हो रहा है हम सभी ओशो मित्र इस प्रयास में भी हैं कि कुछ सरप्राइस प्रस्तुतियां भी आयोजित कर सकें जैसे ओशो के द्वारा स्वयं फोटो स्टूडियो में खिंचवाई गए श्वेत श्याम चित्रों की प्रदर्शनी ओशो द्वारा बनाई गई पेंटिंग ओशो पर आधारित नाटक और सबसे महत्वपूर्ण ओशो ट्रेल जो अपना एक विशेष स्थान बना चुकी है हो सकता है इन सब आयोजनों के लिए यदि समय की कमी पड़े तो हम दिनांक 14 नवंबर को दिसंबर को इसे आयोजित करें मित्रों से आग्रह है धैर्य बनाए रखें और प्रेम पूर्ण तरीके से इस महोत्सव को सफल बनाएं

अतः हम प्रयास कर है कि हम जबलपुर के समीप स्थित ओशो के जीवन के उन कुछ विशेष स्थानों पर आप को ले कर चलें जहाँ उन्हें ज्ञान मिला जहाँ उन्होंने शिक्षा दी।

ओशो महोत्सव के दौरान हमारी चेष्टा है कि इसे 14 दिसम्बर को आयोजित किया जाए।

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