मुंबई प्लेन क्रैश: चार्टर्ड प्लेन को नहीं दिया गया था उड़ान के लिए फिट होने का सर्टिफिकेट

मुंबई. मुंबई में गुरुवार को चार्टर्ड प्लेन हादसे में पांच लोगों की मौत के बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने कहा है कि यह प्लेन उड़ान के लिए फिट नहीं था और ना ही उसे ‘फिट फॉर फ्लाई’ सर्टिफिकेट ही दिया गया था। मिनिस्ट्री ने ये भी कहा कि आखिरी बार इस प्लेन ने 10 साल पहले यानी 2008 में उड़ान भरी थी और उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे बेच दिया था।

प्लेन किस कंपनी का था?
– उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्लेन का इस्तेमाल 2008 में ही बंद कर दिया था। इसके बाद साल 2014 में मेसर्स यूवाई एविएशन ने प्लेन को खरीद लिया।
– मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि करीब डेढ़ साल से यह प्लेन मेंटेनेंस में था।
– मिनिस्ट्री ने एक ट्वीट में कहा- इस प्लेन ने आखिरी बार 22 फरवरी 2008 को उड़ान भरी थी। उस वक्त यह यूपी सरकार के पास था। 2014 में इसे M/s UY Aviation ने खरीद लिया। करीब डेढ़ साल से इस प्लेन का मेंटेनेंस चल रहा था। गुरुवार को इसकी पहली टेस्ट फ्लाइट थी। इसके बाद कंपनी डीजीसीए से उड़ान के लिए फिट होने का सर्टिफिकेट लेने के लिए आवेदन करती।

और क्या कहते हैं रूल्स?
– सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के मुताबिक- नियमों के मुताबिक, किसी भी टेस्ट फ्लाइट के पहले प्लेन के पास उड़ान के लिए फिट होने का सर्टिफिकेट जरूरी है। यह एयरक्राफ्ट टेस्ट फ्लाइट के लिए जुहू से उड़ा था। हम घटना की पूरी जांच करेंगे।
– दूसरी तरफ, हादसे का शिकार हुईं को-पायलट मारिया के पति ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने कंपनी को पहले ही बता दिया था कि मौसम खराब है। हादसे को टाला भी जा सकता था।

कंपनी ने क्या कहा?

घटना पर इंडामेर एविएशन प्राईवेट लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कानू गोहेन ने कहा- इंडामेर एविएशन को बेचे जाने के बाद एयरक्राफ्ट की मरम्मत की गई थी और इसके खराब पुर्जे भी बदले गए थे। लेकिन, हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि इसमें पांच लोगों की जान गई।

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