लालू बोले- मोदी, पासवान और नीतीश राज में पियजवा अनार हो गइल

पूरे देश में प्याज की कीमतों में बढ़त देखने को मिल रही है. तमाम कोशिशों के बाद भी आमजन पर प्याज की बढ़ी हुई कीमतों की मार पड़ रही है. प्याज की महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर नरेंद्र मोदी और नीतिश सरकार पर निशाना साधा है.

लालू यादव ने प्याज की कीमतों में आई उछाल पर केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान को भी घेरा है. लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि मोदी, पासवान और नीतीश राज में पियजवा अनार हो गइल. लालू यादव का इशारा था कि प्याज की कीमतें अनार की कीमतों के करीब पहुंच गई है.

देशभर में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं और ऐसे में लोग प्याज के आंसू रोने पर मजबूर हैं. बिहार में भी प्याज की कीमत तकरीबन ₹70 प्रति किलो से ₹80 प्रति किलो तक है. ऐसे हालात में आम लोगों को थोड़ी राहत देने के लिए बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (BISCOMAUN) पिछले कुछ दिनों से सस्ते कीमतों पर लोगों को प्याज मुहैया करवा रहा है.

इसी बीच प्याज की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर आम आदमी पार्टी(AAP) ने भी मोदी सरकार को घेरा है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों पर देश की जनता प्याज के आंसू रो रही है. इस देश में 130 रुपये प्रति किलो प्याज खरीदनी पड़ रही है. प्याज की बढ़ती कीमतों के लिए बीजेपी शासित केंद्र सरकार जिम्मेदार है. केंद्र की सरकार कालाबाजारियों से क्या संबंध है, इसका जवाब दें. केजरीवाल सरकार सस्ते प्याज बेचकर आंसू पोछने का काम किया लेकिन बीजेपी कालाबाजारियों और जमाखोरों से गठजोड़ कर रही है.

गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही में कहा था कि दुनिया भर में प्याज की कीमतें बढ़ रही है, इसलिए भारत में भी इसका असर दिख रहा है. उन्होंने कहा कि प्याज आयात करने के बावजूद इसकी कीमतें कम नहीं हो पा रही है. बता दें कि दिल्ली में इस वक्त प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा है. रामविलास पासवान ने कहा कि विदेशों से प्याज की नई खेप आने वाली है और उन्हें उम्मीद है कि प्याज के दाम कम होंगे. हालांकि इस बयान के बाद भी अब तक प्याज के दामों को कोई गिरावट देखने को नहीं मिल रही है.

मिस्र से आएगी प्याज की खेप

गौरतलब है कि मिस्र से जल्द ही 6,090 टन प्याज की खेप आने वाली है, जिसके बाद देश में प्याज के दाम में कमी आ सकती है. प्याज की यह खेप जल्द ही मुंबई के नावा शेवा बंदरगाह पर आ जाएगी जहां से राज्य सरकारें अपनी मांग के अनुरूप प्याज खरीद सकती हैं. सोमवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह जानकारी दी थी.

मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश के कारण प्याज की फसल को नुकसान होने से देश में प्याज के दाम में भारी इजाफा होने के बाद सरकार ने प्याज का आयात करने का फैसला लिया. रामविलास पासवान ने इसी महीने देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाकर इसकी कीमतों को काबू में रखने के मकसद से एक लाख टन प्याज का आयात करने की घोषणा की थी.

कारोबारियों ने बताया कि खपत के मुकाबले आवक कम होने के कारण प्याज के दाम में वृद्धि हो रही है. शुक्रवार को आजादपुर मंडी में प्याज की आवक 1,045.6 टन थी, जबकि दिल्ली में प्याज की रोजाना खपत तकरीबन 2,000 टन है.

देश में प्याज की खपत 60,000 टन रोजाना

सरकार ने प्याज की महंगाई को थामने के लिए 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है, मगर दिल्ली के आजादपुर मंडी के कारोबारी और ओनियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा के आंकड़ों पर विश्वास करें तो देश में तकरीबन 50,000-60,000 टन रोजाना प्याज की खपत होती है. ऐसे में 1.2 लाख टन प्याज विदेशों से आने पर यह महज दो दिनों की खपत के बराबर होगी.

इस समय करीब 10 लाख टन प्याज आयात करने की जरूरत है और इतने बड़े परिमाण में प्याज आयात किया जाना मुश्किल है, क्योंकि इतना प्याज विदेशों में कहीं उपलब्ध नहीं होगा. गौरतलब है कि सरकार मिस्र, तुर्की, हॉलैंड व दूसरे देशों से प्याज मंगाने की कोशिश कर रही है और एमएमटीसी ने मिस्र से प्याज आयात के अनुबंध भी किए हैं और मिस्र से 6,090 टन प्याज की खेप अगले महीने देश में आने वाली है.








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