न्यूयॉर्क स्थित भारतीय राजनयिक संदीप चक्रवर्ती की ओर से कश्मीर को लेकर एक प्राइवेट डिनर में दिए गए बयान पर विवाद हो गया है. राजनयिक चक्रवर्ती ने कहा कि उनके बयान को संदर्भ से हटाकर तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया.
चक्रवर्ती ने बुधवार को ट्वीट में कहा, ‘मैंने अपनी हालिया टिप्पणियों पर सोशल मीडिया में कुछ कमेंट देखे हैं. मेरी टिप्पणियों को संदर्भ से हटा कर पेश किया गया.’ दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें चक्रवर्ती को ये कहते सुना जा सकता है कि भारत घाटी में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए ‘इज़रायली मॉडल’ को अपना सकता है.
भारत सरकार पर उठे सवाल
विदेश मंत्रालय और भारत सरकार की ओर से अभी इन सवालों का जवाब देना है कि क्या भारतीय राजनायिक का बयान भारत का भी नज़रिया और आधिकारिक रुख है. एक निजी कार्यक्रम में भारतीय राजनयिक ने कहा कि कश्मीरी पंडित घाटी में जल्दी लौट सकते हैं क्योंकि ‘अगर इज़रायली लोग ऐसा कर सकते हैं तो हम भी कर सकते हैं.’
चक्रवर्ती ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा हालात सुधरेंगे. इससे शरणार्थी लौट सकेंगे, आप अपने जीवनकाल में लौट सकेंगे…आप लौटने में सफल होंगे…आप अपने घर वापस जाने में सफल होंगे और वहां आपको सुरक्षा मिलेगी.’
चक्रवर्ती का बयान सोशल मीडिया पर वायरल
‘इज़रायली मॉडल’ का नाम लिए बिना चक्रवर्ती ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि हम इसे क्यों नहीं अपना सकते. ऐसा मध्य पूर्व में हुआ है. आपको देखना होगा, अगर इज़रायली लोग ऐसा कर सकते हैं तो हम भी कर सकते हैं.’ भारतीय राजनयिक का ये बयान रिकॉर्ड होकर सोशल मीडिया पर अपलोड हुआ.
चक्रवर्ती के बयान पर इमरान खान का तंज
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने चक्रवर्ती के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. इमरान ने बुधवार को ट्वीट में कहा, ‘इससे भारत सरकार की आरएसएस विचारधारा की फासिस्ट सोच झलकती है. वो सोच जिसने जम्मू और कश्मीर की 100 से ज्यादा दिनों से घेराबंदी कर रखी है. इससे कश्मीरियों को मानवाधिकारों के सबसे खराब उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है जबकि ताकतवर देश अपने कारोबारी हितों की वजह से खामोश हैं.’
जिस निजी कार्यक्रम मे चक्रवर्ती बोले, उसी में फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने भी अपनी निर्माणाधीन फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ के बारे में जानकारी दी. ये फिल्म कश्मीरी पंडितों पर आधारित है जिन्हें आतंकवाद की वजह से कश्मीर घाटी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था. कार्यक्रम को अभिनेता अनुपम खेर और अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में कई कश्मीरी पंडित भी थे जिन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया.
अनुपम खेर ने कहा-अनुच्छेद 370 हटाने का मनाएं जश्न
अनुपम खेर ने इस मौके पर कहा, ‘अनुच्छेद 370 को हटाने में 70 साल लग गए. इसका जश्न मनाना चाहिए. इस पर हमारे एक दोस्त फिल्म बना रहे हैं, इसका जश्न मनाना चाहिए. हम सब अपने ज़ख्मों को खोलने जैसा अनुभव कर रहे हैं और बात कर रहे हैं. लेकिन हमें नरेंद्र मोदी जैसा नेता यह कहने के लिए चाहिए, मैं अनुच्छेद 370 या 35ए नहीं चाहता क्योंकि इसकी ज़रूरत नहीं है.’
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा दिया था. साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर, लद्दाख में बांट दिया.